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पशु पालन क्या है? परिभाषा एवं प्रकार! ( Pashu paalan kya hai )

इस लेख में पशु पालन क्या है? विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी । तो चलिए आगे जानते है —

पशु पालन क्या है? ( What is Animal Husbandry )

किसान केवल खेती ही नहीं करते है बल्कि वे खाली समय में जानवरों को भी उनके उत्पाद के लिए पालते हैं । और कई ऐसे भी किसान है जो केवल जानवरों को ही पालते है । ये किसान इन जानवरों से प्राप्त या बने उत्पादों को बाजार में बेचते हैं । जैसे कि – मुर्गी पालन , मछली पालन , मधुमक्खी पालन आदि ।

पशु पालन के प्रकार ( Types of Animal Husbandry )

पशु पालन निम्न प्रकार है ; ( 1 ). मधुमक्खी पालन, ( 2 ). मत्स्य पालन, ( 3 ). केंचुआ पालन, ( 4 ). जल कृषि, ( 5 ). कुक्कुट पालन, ( 6 ). रेशम कीट पालन, ( 7 ). वन्य संवर्धन आदि ।

( 1 ). मधुमक्खी पालन ( एपीकल्चर )

मधुमक्खियों का पालन शहद के लिए किया जाता है । जब किसी मधुमक्खी को पराग यानी रस मिल जाता है तो वह अपने साथियों को नृत्य करके बताती है । भारत में मधुमक्खियों को पालने के लिए अक्टूबर से दिसम्बर तक का महीना उपयुक्त रहता है क्योंकि इन महिनों में रानी मक्खी अण्डे देती है । मधुमक्खी पालन वहां पर किया जाता है जहाँ पर आस – पास में बाग – बगीचे होते हैं । मधुमक्खी पालन के लिए लकड़ी के डिब्बों और चीनी के घोल की जरूरत पड़ती है ।

( 2 ). मत्स्य पालन ( पिसी कल्चर )

मछली पालन में मछलियों का पालन किया जाता है । मछली पालन में पाले जाने वाली प्रमुख मछलियाँ हैं — रोहू , माँगुर , कतला , माशेर आदि । इस पालन में झींगों को भी पाला जाता है ।

( 3 ). केंचुआ पालन ( वर्मी कल्चर )

इसमें केंचुओ का पालन किया जाता है । फसल से सम्बन्धी क्रांतियां और अन्य पालन इन केंचुओं को जैव निम्नीकरणीय कचरों के बीच छोड़ दिया जाता है जिसे वे खाद में बदल देते हैं । केचुओं को खेतों में भी छोड़ दिया जाता है जिसे वे भूरभूरा बना देते हैं । इसलिए इनको किसानों का मित्र भी कहा जाता है ।

( 4 ). जल कृषि ( एक्वाकल्चर )

इसमें जलीय जीव – जन्तु और वनस्पतियों को पाला जाता है । जैसे कि — मछली , झींगा , केकड़ा , शैवाल , समुद्री घास आदि ।

( 5 ). कुक्कुट पालन ( पॉलट्री )

इसमें मुर्ग – मुर्गियों , बतखों आदि को पाला जाता है । इनसे माँस और अण्डे प्राप्त किए जाते हैं ।

( 6 ). रेशम कीट पालन ( सेरीकल्चर )

इसमें रेशम के कीड़ों को पाला जाता है । रेशम के कीड़ों से रेशम प्राप्त किया जाता है । रेशम के कीड़े शहतूत के पेड़ों पर पाले जाते हैं । रेशम एक प्रकार का प्रोटीन होता है ।

रेशम के प्रकार — टसर , मूगा , एरी और कोसा आदि ।

भारत के कई स्थान जैसे कि — बनारस ( उत्तर प्रदेश ) , पोच्चमपल्ली ( आन्ध्र प्रदेश ) , असम आदि रेशम के कपड़ों के लिए प्रसिद्ध हैं ।

( 7 ). वन्य संवर्धन ( सिल्वीकल्चर )

वन्य संवर्धन, वन और वन्य उत्पादों से सम्बन्धित है । इससे जीव – जंतुओं को लाभ होता है । और इसमें वनों को भी बढ़ावा दिया जाता है ।

फसल सम्बन्धी क्रांतियाँ एवं अन्य पालन ⇒

क्रांति प्रतिपादक संबंधित तथ्य
नीली क्रांति डॉ . अरूण कृष्णन , डॉ . हीरालाल चौधरी मछली
भूरी क्रांति डॉ . हीरालाल चौधरी चमड़ा / कोको
गुलाबी क्रांति दुर्गेश पटेल प्याज / झोंगा
लाल क्रांति विशाल तिवारी मीट / टमाटर
सिल्वर क्रांति इन्दिरा गाँधी अण्डा / पौल्ट्री
हरित / हरी क्रांति भारत में एम . एस . स्वामीनाथन विश्व में डॉ . नॉर्मन बोरलॉग अनाज- गेहूँ , चावल , मक्का , बाजरा
रेशा क्रांति कपास
गोल क्रांति आलू
पीली क्रांति सैम पित्रोदा तिलहन
ग्रे क्रांति उर्वरक
स्वर्ण रेशा क्रांति जूट
श्वेत क्रांति / ऑपरेशन फ्लड वर्गीज कुरियन दूध / डेरी
स्वर्ण क्रांति निरपख तुतेज बागवानी फसल / शहद
क्रांति संबंधित तथ्य
दूसरी हरी क्रांति दालें
दूसरी श्वेत क्रांति मवेशी कल्याण
दूसरी नीली क्रांति मछुआरों का कल्याण और स्वच्छ . जल
केसर क्रांति सूर्य ऊर्जा

हरित क्रांति के तहत बीज की गुणवत्ता , उर्वरकों का प्रयोग और सिंचाई को बढ़ावा दिया गया ।

कृषि में पालन ( कल्चर )

एपीकल्चर मधुमक्खी पालन
सेरीकल्चर  रेशम कीट पालन
पिसी कल्चर मछली पालन
मैरी कल्चर समुद्री जीव पालन
सिल्वी कल्चर वन संवर्द्धन
वर्मी कल्चर केंचुआ पालन
विटी कल्चर व्यापारिक स्तर पर अंगूर की खेती
मोरी कल्चर रेशम कीट हेतु शहतूत की कृषि
हॉर्टी कल्चर व्यापारिक स्तर पर फलों का उत्पादन
ओलिवी कल्चर व्यापारिक स्तर पर जैतून की खेती

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