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शिक्षा द्विमुखी प्रक्रिया है? (Shiksha dvimukhee prakriya hai)

शिक्षा द्विमुखी प्रक्रिया है? (Education is a two-way process)

एडम्स के अनुसार शिक्षा में दो भाग होते हैं – (1) शिक्षक, शिष्य (2) शिक्षक, अभिभावक। शिक्षा को एक ‘द्विमुखी प्रक्रिया’ (Bi-polar Process) और एक ‘त्रिमुखी प्रक्रिया’ (Tripolar Process) भी माना जाता है।

इसलिए शिक्षा की प्रक्रिया को 3 भागों में विभाजित किया गया है —

(1). शिक्षा द्विमुखी प्रक्रिया (Education is Bi-polar Process)।
(2). शिक्षा त्रिमुखी प्रक्रिया (Education is Tri-polar Process)|
(3). शिक्षा बहुआयामी प्रक्रिया (Education is Multi-polar Process)।

(1). शिक्षा द्विमुखी प्रक्रिया (Education is Bi-polar Process)

शिक्षा प्रक्रिया के दो पहलू हैं। जैसे कि एक पढ़ा रहा है, दूसरा पढ़ रहा है। एक सुना रहा है, दूसरा सुन रहा है। शिक्षक व शिक्षार्थी की क्रिया व प्रतिक्रिया ही शिक्षा का रूप लेती है। इसलिए एडम्स ने कहा है कि, “शिक्षा एक द्विमुखी प्रक्रिया है”। “Educational is bi-polar process.”

अतः शिक्षा में दो कर्ता कार्य करते हैं। इसमें एक शिक्षक होता है और दूसरा शिक्षार्थी होता है और शिक्षक अपने ज्ञान को छात्रों अथवा शिक्षार्थियों तक पहुँचाता है।

रॉस (Ross) ने शिक्षा को द्वि-मुखी प्रक्रिया मानते हुए कहा है कि “चुम्बक के समान शिक्षा में भी दो ध्रुवों का होना आवश्यक है इसलिए शिक्षा भी द्वि-मुखी प्रक्रिया है।” “Like a magnet, education also needs two poles, hence education is also a two-way process.”

उपरोक्त के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकलते हैं —

(1). एक बोलता है, दूसरा सुनता है।
(2). एक पढ़ाता है, दूसरा पढ़ता है।
(3). एक पथ-प्रदर्शन करता है, दूसरा उसका अनुसरण करता है ।
(4). उनके कार्यों में एक-दूसरे से सम्बन्ध होता है ।
(5). सहयोग के अभाव में वे अपने उद्देश्यों की पूर्ति नहीं कर सकते हैं।
(6). इस प्रक्रिया में कर्ता और कर्म दोनों में परस्पर सम्बन्ध होता है ।
(7). शिक्षक व शिक्षार्थी एक-दूसरे के प्रति प्रतिक्रिया करते हैं।

इन सभी तथ्यों को मिलाकर जो परिणाम निकलता है, वही शिक्षा (Education) है।

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