अंतरिक्ष क्या है? (What is space)
अंतरिक्ष क्या है : पृथ्वी के वायुमण्डल के बाहर जो असीमित और अनंत आकाश दिखाई देता है उसे अंतरिक्ष कहते हैं। या, किसी ब्रह्माण्डीय पिण्ड, जैसे पृथ्वी, से दूर जो शून्य (void) होता है उसे अंतरिक्ष ( space ) कहते हैं। अन्तरिक्ष में वायु नहीं पायी जाती है। और यहाँ पर गुरुत्वाकर्षण बल भी नहीं होता है, जिसके कारण अंतरिक्ष में हर चीज तैरती हुई नजर आती है। यहाँ तक की अंतरिक्ष यात्रियों के बाल हमेशा खड़े रहते हैं। अन्तरिक्ष में किसी भी चीजों को टिकाये रखने के लिए उनको बाँध कर रखा जाता है।
अंतरिक्ष से पृथ्वी की ओर देखने पर सिर्फ और सिर्फ जमीन और पानी दिखाई देता है। अंतरिक्ष यात्री भोजन आदि को पेस्ट के रूप में ट्यूब में भरकर ले जाते हैं।
बाहरी अन्तरिक्ष का आधारभूत तापमान, जैसा कि बिग बैंग से पृष्ठभूमि विकिरण द्वारा निर्धारित किया गया है, “2.7 केल्विन” यानि कि (-270.45 डिग्री सेल्सियस; -454.81 डिग्री फारेनहाइट)।
हमारे संस्कृत और वैदिक साहित्य में ‘अन्तरिक्ष’ शब्द का प्रयोग कई बार हुआ है – जहाँ से हिन्दी का शब्द और अर्थ लिया गया है। हाँलांकि वैदिक साहित्य में अंतरिक्ष का अर्थ पृथ्वी और द्युलोक यानी कि तारे और सूर्य हैं। अंतरिक्ष शब्द का प्रयोग वेदों में द्यावा और पृथ्वी के साथ देखने को मिलता है। इस परिभाषा के अनुसार अंतरिक्ष में धरती के वायुमंडल को भी शामिल कर सकते हैं। लेकिन हिन्दी अर्थ में प्रायः वायुमंडल को शामिल नहीं किया जाता है। वास्तव में अंतरिक्ष इतना बड़ा है कि हम इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
खगोल विज्ञान के अनुसार अन्तरिक्ष एक विशाल त्रिवीमिय क्षेत्र है जो पृथ्वी के वायुमंडल की समाप्ति की सीमा से शुरू होता है । अन्तरिक्ष उस उंचाई से प्रारम्भ होता है जिस उंचाई से कोई उपग्रह पृथ्वी के वातावरण में बिना गिरे उचित समय तक अपनी कक्षा बनाये रख सके।
अंतरिक्ष में पहले (First in space)
- अंतरिक्ष में जाने वाले पहले पुरुष: यूरी गैगरिन (रूस), 1961
- अंतरिक्ष मे जाने वाली पहली महिला वेलेन्तिना त्रेशकोवा (रूस), 1963
- अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय पुरुषः राकेश शर्मा, 1984
- अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला: कल्पना चावला, 1997
- अंतरिक्ष में जाने वाला पहला जानवरः लाइका (कुत्ता), 1957
Read Other—