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कृषि के प्रकार? ( Types of agriculture )
इस पोस्ट में कृषि के प्रकार? विषय से सम्बन्धित पूरी जानकारी मिलेगी । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “।
कृषि का अर्थ ( Meaning of agriculture )
परिभाषा ( Definition ) — फसल उत्पादन , पशु पालन आदि की कला, विज्ञानं और तकनीक को कृषि ( Agriculture ) कहते हैं। कृषि के अंतर्गत फसल उत्पादन, फल उत्पादन, पशु पालन, मधु पालन और मछली पालन आदि किया जाता हैं ।
कृषि के प्रकार ( Types of agriculture )
कृषि मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है — ( 1 ). निर्वाह कृषि ( 2 ). वाणिज्यिक कृषि आदि ।
( 1 ). निर्वाह कृषि
इस कृषि में किसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए करता है । निर्वाह कृषि दो प्रकार की होती है — ( i ). गहन निर्वाह कृषि , ( ii ). आदिम निर्वाह कृषि ।
( i ). गहन निर्वाह कृषि
इस कृषि में किसान छोटे – छोटे खेतों पर अपनी जरूर के अनुसार चावल , गेहूँ , मक्का , दलहन आदि को उगाता है ।
( ii ). आदिम निर्वाह कृषि
यह कृषि दो प्रकार की होती है ; ( a ). स्थानांतरी / झूम कृषि ( b ). चलवासी पशुचारण आदि ।
( a ). स्थानांतरी कृषि ( Transfer agriculture ) — इस कृषि में पौधों को साफ कर और उनको जलाकर खेत बनाये जाते हैं । इस कृषि में किसान हल का प्रयोग नहीं करता है । वनस्पति को जलाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ जाती है । इस कृषि में एक खेत पर कई सारी फसलें , जैसे – मक्का , चावल , सब्जियाँ आदि उगाई जाती हैं । एक बार फसल काटने के बाद खेत को कुछ सालों के लिए खाली छोड़ दिया जाता है । इसको कर्तन एवं दहन कृषि भी कहते हैं । इसको अलग – अलग क्षेत्रों में अलग – अलग नाम से जाना जाता जाता है ।
स्थानांतरी कृषि / कर्त्तन एवं दहन
क्षेत्र | नाम |
उत्तर – पूर्व भारत ( जैसे – मेघालय , नागालैंड , मिजोरम आदि ) | झूम |
बुन्देलखंड | बेवार |
आन्ध्र प्रदेश | पोडू |
छत्तीसगढ़ | दीपा |
मलेशिया | लदांग |
ब्राजील | रोका |
( b ). चलवासी पशुचारण ( Livestock pastoral ) — इसमें लोग अपने पशुओं के साथ चारे और पानी के तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते हैं । ये भेड़ , ऊँट , बकरियाँ , याक , मवेशी आदि पालते हैं , जो इन लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं । लद्दाख की चांगपा जनजाति , जम्मू – कश्मीर के बक्करवाल , हिमाचल प्रदेश के गड्डी चलवासी पशुचारक हैं ।
( 2 ). वाणिज्यिक कृषि ( Commercial farming )
इस कृषि में फसल उत्पादन और पशुपालन बड़े पैमाने पर होता है । इस प्रकार की कृषि का मुख्य उद्देश्य उत्पादनों को बेचना होता है ।
यह तीन प्रकार की होती है ; ( i ). वाणिज्यिक अनाज कृषि , ( ii ). मिश्रित कृषि ( iii ). रोपण कृषि आदि ।
( i ). वाणिज्यिक अनाज कृषि
वाणिज्यिक अनाज कृषि में एक फसल बड़े पैमाने पर उगाई जाती है । गेहूँ और मक्का इस प्रकार की कृषि के मुख्य फसल है । इस प्रकार की कृषि में मशीनों का प्रयोग किया जाता है ।
( ii ). मिश्रित कृषि
मिश्रित कृषि में खेती एवं पशुपालन दोनों किया जाता है ।
( iii ). रोपण कृषि
रोपण कृषि में चाय , कॉफी , केला , कपास , रबड़ , काजू , गन्ना जैसी फसलों को उगाया जाता है । इन फसलों को नकदी फसल भी कहा जाता है ।
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