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मापन किसे कहते है? परिभाषा, प्रकार, मात्रक! ( Maapan kise kahate hai )

मापन किसे कहते है? ( Who is measuring )

मापन किसे कहते है :— मापन का अर्थ है किसी अज्ञात राशि से ज्ञात राशि की तुलना करना । किसी मापन के परिणाम को एक संख्या और उससे सम्बन्ध किसी मात्रक द्वारा व्यक्त किया जाता है । प्राचीन काल से मापन के लिए हाथ , फुट , गज , पग , अंगुल एवं मुट्ठी आदि का प्रयोग होता रहा है । लेकिन मापन के ये तरीके सही नहीं थे क्योंकि ये व्यक्ति से व्यक्ति तक भिन्न होते थे । आजकल मापन के लिए मानक इकाइयों का प्रयोग होता है जो विश्व भर में समान होते हैं ।

मापन सम्बन्धी शब्दावली ( Measurement terminology )

राशि ( Amount )

जिसे संख्या के रूप में प्रकट किया जा सके , उसे राशि कहते हैं । जैसे — जनसंख्या , दूरी , लम्बाई इत्यादि ।

भौतिक राशियाँ ( Physical quantities )

जिन राशियों को पदों में व्यक्त किया जा सकता है उन्हें भौतिक राशियाँ कहते हैं । ये दो प्रकार की होती हैं :— ( i ). सदिश राशि ( Vector sum ) , ( ii ). अदिश राशि ( Scalar ) आदि ।

( i ). सदिश राशि ( Vector sum ) : इन भौतिक राशियों का केवल परिमाण होता है । जैसे — वेग , विस्थापन , त्वरण , बल इत्यादि ।

( ii ). अदिश राशि ( Scalar ) : इन भौतिक राशियों का केवल परिमाण होता है । जैसे — तापमान , समय , चाल . घनत्व , द्रव्यमान इत्यादि ।

इकाई मात्रक ( Unit )

किसी राशि के माप के लिए उसी राशि के जिस निश्चित परिमाण को मानक मान लिया जाता है , उसे इकाई कहते हैं । यह 2 प्रकार की होती है :— ( i ). मूल मात्रक ( Basic unit ) , ( ii ). व्युत्पन्न मात्रक ( Derived unit ) आदि ।

( i ). मूल मात्रक ( Basic unit ) : जो मानक अन्य मानकों से स्वतंत्र होते हैं , उन्हें मूल मात्रक कहते हैं । जैसे — लम्बाई , समय एवं द्रव्यमान के मानक ।

( ii ). व्युत्पन्न मात्रक ( Derived unit ) : किसी भौतिक राशि को दो या दो से अधिक मूल इकाइयों में व्यवत करना , व्युत्पन्न मात्रक कहलाता है । जैसे — बल , दाब , कार्य इत्यादि ।

इकाई पद्धतियाँ ( Unit methods )

ये पद्धतियाँ निम्नलिखित हैं :

( 1 ). सी.जी.एस. पद्धति / फ्रेंच मीट्रिक पद्धति ( CGS method ) :

इस पद्धति में लम्बाई , द्रव्यमान एवं समय को क्रमश : सेंटीमीटर , ग्राम और सेकेन्ड में मापा जाता है ।

( 2 ). एफ.पी.एस. / ब्रिटिश पद्धति ( FPS method ) :

इस पद्धति में लम्बाई , द्रव्यमान और समय के क्रमश : फुट , पाउण्ड और सेकेण्ड में मापा जाता है ।

( 3 ). एम.के.एस. पद्धति ( MKS method ) :

इस पद्धति में लम्बाई , द्रव्यमान और समय को क्रमश : मीटर , किलोग्राम और सेकेण्ड में मापा जाता है ।

( 4 ). अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक पद्धति ( एस.आई.इकाई ) ( SI unit ) :

इस पद्धति को सन 1960 में स्वीकार किया गया था । यह M.K.S. पद्धति का संशोधित और परिवर्द्धित रूप है । आजकल इसी पद्धति का प्रयोग किया जाता है । इसमें निम्नलिखित 7 मूल मात्रक और 2 सम्पूरक मात्रक हैं :

SI के 7 मूल मात्रक निम्न हैं :

( 1 ). लम्बाई का मूल मात्रक ‘मीटर’ है ,

1 मीटर वह दूरी है, जिसे प्रकाश निर्वात में 1/299792458 सेकेण्ड में तय करता है Ι

( 2 ). द्रव्यमान का मूल मात्रक ‘किलोग्राम’ है ,

फ्रांस के सेवरिस नामक स्थान पर माप-तौल के अंतर्राष्ट्रीय माप तौल ब्यूरो में सुरक्षित रखे प्लेटिनम-इरीडियम मिश्रित धातु के बने हुए बेलन के द्रव्यमान को मानक किलोग्राम कहते हैं Ι इसे सांकेतिक भाषा में किलोग्राम Kg लिखा जाता हैं Ι

( 3 ). समय का मूल मात्रक ‘सेकेण्ड’ है ,

सीजियम-133 परमाणु की मूल अवस्था के दो निश्चित ऊर्जा स्तरों के बीच संक्रमण से उत्पन्न विकिरण के आवर्तकालों की अवधि को 1 सेकेण्ड कहते हैं Ι

( 4 ). विद्युत-धारा का मूल मात्रक ‘ऐम्पियर’ है ,

दो लम्बे और पतले तारों को निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर एक-दूसरे के सामानांतर रखने पर और उनमें ऐसे परिमाण की सामान विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर तारों के बीच प्रति मीटर लम्बाई में 2 x 10-7 न्यूटन का बल लगने लगे तो विद्युत् धारा के उस परिमाण को 1 ऐम्पियर कहा जाता है , इसका प्रतीक A है Ι

( 5 ). ताप का मूल मात्रक ‘केल्विन’ है ,

जल के त्रिक बिंदु (triple point) के उष्मागतिक ताप के 1/273.16 वें भाग को केल्विन कहते हैं , इसका प्रतीक K होता है Ι

( 6 ). ज्योति-तीव्रता का मूल मात्रक ‘कैण्डेला’ है ,

किसी निश्चित दिशा में किसी प्रकाश स्रोत की ज्योति-तीव्रता 1 कैण्डेला तब कही जाती है , जब यह स्रोत उस दिशा में 540 x 1012 हर्ट्ज़ का तथा 1/ 683 वाट/स्टेरेडियन तीव्रता का एकवर्णीय प्रकाश उत्सर्जित करता है Ι

Note :— यदि घन कोण के अन्दर प्रति सेकेण्ड 1 जूल प्रकाश प्रकाश उर्जा उत्सर्जित हो, तो उसे 1 वाट/स्टेरेडियन कहते हैं Ι

( 7 ). पदार्थ की मात्रा का मूल मात्रक ‘मोल’ है ,

एक मोल , पदार्थ की वह मात्रा है , जिसमें उसके अवयवी तत्वों की संख्या 6.023 x 1023 होती है Ι इस संख्या को ऐवोगाड्रो नियतांक कहते हैं Ι

SI के 2 सम्पूरक मात्रक निम्न हैं :

( 1 ). रेडियन 

किसी वृत्त की त्रिज्या के बराबर लम्बाई के चाप द्वारा उसके केंद्र पर बनाया गया कोण एक रेडियन होता है Ι इस मात्रक का प्रयोग समतल पर बने कोणों को मापने के लिए किया जाता है Ι

( 2 ). स्टेरेडियन

किसी गोले की सतह पर उसकी त्रिज्या के बराबर भुजा वाले वर्गाकार क्षेत्रफल द्वारा गोले के केंद्र पर बनाए गए घन कोण को 1 स्टेरेडियन कहते हैं Ι यह ठोस कोणों को मापने का मात्रक है Ι  

तो दोस्तों , आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — मापन किसे कहते है? परिभाषा, प्रकार, मात्रक! ( Maapan kise kahate hai ) आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है, तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें… [ धन्यवाद् ]

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