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वायु क्या है? संघटन, गुण और उपयोग! ( Vaayu Kya Hai )

इस लेख में वायु क्या है? विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “

वायु क्या है? ( What is air )

वायु क्या है वायु गैसों का मिश्रण है । वायु में नाइट्रोजन , ऑक्सीजन , कार्बन – डाइऑक्साइड , ऑर्गन आदि गैसों के अलावा धूल के कण और जल वाष्प ( भाप ) भी पाये जाते हैं ।

वायु का संघटन ( Air composition )

इसके संघटन निम्नलिखित है —

नाइट्रोजन ( 78 % )

( 1 ). यह गैस वायु में सर्वाधिक मात्रा ( 78 % ) में पाई जाती है ।
( 2 ). यह गैस पौधों के लिए आवश्क है ।
( 3 ). यह गैस आग जलने में सहायता नहीं करती ।

ऑक्सीजन ( 21 % )

( 1 ). वायु का 21 % भाग ऑक्सीजन से बना है ।
( 2 ). यह गैस सभी जीव – जन्तु और पेड़ – पौधों के लिए आवश्यक है ।
( 3 ). यह गैस जलने में सहायता करती है ।

अन्य गैसें

( 1 ). वायु में मौजूद अन्य गैसें कार्बन – डाइऑक्साइड , हीलियम , ओजोन , ऑर्गन और हाइड्रोजन हैं ।
( 2 ). अन्य गैसों के अलावा वायु में धूल के कण और जल वाष्प भी पाये जाते हैं ।
( 3 ). इन सभी गैसों में कार्बन – डाइऑक्साइड एक महत्वपूर्ण गैस है ।

कार्बन – डाइऑक्साइड ( Carbon dioxide )

कार्बन – डाइऑक्साइड गैस को पेड़ – पौधे भोजन बनाने के लिए प्रयोग करते हैं । साथ ही यह गैस पृथ्वी को गर्म रखने में भी मदद करती है । कार्बन – डाइऑक्साइड की अधिकता से पृथ्वी का तापमान जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है , जिसे हरित गृह प्रभाव ( Green House Effect ) कहते हैं । वायु में कार्बन – डाइऑक्साइड की मात्रा 0.03 % होती है ।

हरित गृह प्रभाव / पृथ्वी का ऊष्मायन ( Green House Effect )

जब पृथ्वी का तापमान जरूरत से अधिक हो जाता है , तो उसे हरित गृह प्रभाव ( Green house effect ) कहते हैं । सबसे पहले इसको जीन बैष्टीस्टे फ्यूरियर ( Jean Baptiste Furrier ) ने पहचाना था ।

कारण ( Cause )

हरित गृह वायुमडल कार्बन – डाइऑक्साइड ( CO2 ) ( मुख्य गैस ) , मीथेन ( CH4 ) , नाइट्रस ऑक्साइड ( N20 ) और जल वाष्प की मात्रा बढ़ने से होता है । जुगाली करने वाले जानवर भी मीथेन गैस का उत्पादन करते हैं ।

प्रभाव ( Effect )

( 1 ). पहाड़ों पर से बर्फ पिघलने की सम्भावना बढ़ जाती है ।
( 2 ). बर्फ पिघलने से समुद्र का जलस्तर बढ़ सकता है , जिसके कारण समुद्र के आस – पास के क्षेत्र जल में डूब सकते हैं ।
( 3 ). इसके कारण पृथ्वी पर इंफ्रारेड रेडिएशन में बढ़ोतरी हो जाती है ।

वायु के गुण ( Properties of air )

( 1 ). वायु हर जगह पाई जाती है, यह सर्वव्यापी है ।
( 2 ). वायु गंधहीन , रंगहीन और पारदर्शी होती है ।
( 3 ). वायु में भार होता है और वह जगह घेरती है ।

वायुमण्डल ( Atmosphere )

पृथ्वी के चारों तरफ पाई जाने वाली वायु की परत वायुमण्डल कहलाती है । वायुमंडल कई परतों में विभाजित होता है ।

वायुमंडल की परतें ( Layers of the atmosphere )

वायुमंडल की पाँच परतें होती हैं । ये परतें हैं — ( 1 ). क्षोभमण्डल ( Troposphere ) , ( 2 ). समतापमण्डल ( Stratosphere ) , ( 3 ). मध्यम ( Mizosphere ) , ( 4 ). बाह्य / आयन मण्डल ( Ionosphere ), ( 5 ). बर्हिमण्डल ( Exosphere )

( 1 ). क्षोभमण्डल ( Troposphere )

यह वायुमण्डल की सबसे निचली परत है । इसकी औसत ऊँचाई 13 किमी है । यह ध्रुवों पर 8 किमी विषुवत रेखा ( भूमध्य रेखा ) पर 18 किमी तक की ऊँचाई तक पाई जाती है । इस मंडल में 165 मीटर ऊपर जाने पर 1°C तापमान कम हो जाता है । सभी तरह के जलवायु परिवर्तन बादलों का बनना , आँधियों का चलना , बर्फ का गिरना इत्यादि इसी मंडल में होते हैं ।

( 2 ). समतापमण्डल ( Stratosphere )

इस मंडल का तापमान स्थिर रहता है । इस मंडल में किसी तरह का जलवायु परिवर्तन नहीं होता है इसलिए यह मण्डल वायुयान उड़ाने के लिए उपयुक्त है इस मण्डल में ओजोन गैस की परत पाई जाती है जो सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी ( Ultraviolet ) किरणों को पृथ्वी पर पहुँचने से रोक लेती है । यदि पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर आ जायेंगी तब मनुष्यों को त्वचा कैंसर हो जायेगा । अल्ट्रावायलेट A किरणें अधिक हानिकारक होती है ।

नोट : हर साल 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है ।

( 3 ). मध्यमण्डल ( Mizosphere )

इस मंडल का तापमान सबसे ज्यादा ठंडा तापमान ( -100 ° C ) होता है । इस मंडल में उल्का पिण्ड जल कर राख हो जाते हैं ।

( 4 ). बाह्य / आयन मण्डल ( Ionosphere )

यह मण्डल रेडियो तरंगों को परावर्तित कर देता है , जिससे हम रेडियो , टेलीविजन और फोन का उपयोग कर पाते हैं । इस मण्डल में उल्का पिंड जलने शुरू हो जाते हैं ।

( 5 ). बर्हिमण्डल ( Exosphere )

यह वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत है । इस मण्डल में हाइड्रोजन और हीलियम गैस की अधिकता पाई जाती है । इस मण्डल के बाद अंतरिक्ष शुरू हो जाता है ।

वायु का उपयोग ( Air use )

( i ). वायु में मौजूद कार्बन – डाइऑक्साइड का प्रयोग पौधे भोजन बनाने के लिए करते हैं ।
( ii ). वायु में ही पक्षी और वायुयान उड़ते हैं ।
( iii ). वायु में मौजूद नाइट्रोजन पौधों के लिए उपयोगी होती है ।
( iv ). वायु की वजह से हम एक – दूसरे की आवाज सुन पाते हैं ।
( v ). वायु में मौजूद कार्बन – डाइऑक्साइड पृथ्वी को गर्म रखती है ।

( vi ). वायु पौधों के बीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती है , जिससे पौधे दूर क्षेत्रों में भी उग जाते हैं ।
( vii ). वायु में मौजूद ऑक्सीजन पेड़ – पौधे , जीव – जन्तुओं के लिए बहुत उपयोगी है ।
( viii ). समुद्री गोताखोर और पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर ले कर जाते हैं क्योंकि उन्हें इन स्थानों पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है ।
( ix ). वायु की वजह से हमारे कपड़े सूखते हैं । चलती हुई वायु पानी को भाप में बदल देती है , जिसकी वजह से हमारे कपड़े सूख जाते हैं ।
( x ). वायु से पवन चक्की चलती है , जिस से बिजली का उत्पादन होता है ।

( xi ). आजकल तो गाड़ियों ओर ट्रेनों के ब्रेकों में भी वायु का उपयोग होता है ।
( xii ). वायु का प्रयोग तकियों में , गुब्बारों में और टायरों में भी होता है ।
( xiii ). जीव – जन्तु वायु में मौजूद ऑक्सीजन को लेते हैं , जिससे वे जिन्दा रहते हैं । मनुष्य के नाक में मौजूद बाल और श्लेष ( चिकना पदार्थ ) धूल के कणों को अन्दर जाने से रोक देते हैं ।
( xiv ). मछलीघर ( Aquarium ) में पंप लगाया जाता है ताकि वायु ( Oxygen ) पानी में घुल जाए ।

तो दोस्तों , आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — वायु क्या है? संघटन, गुण और उपयोग! आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है, तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें.. [ धन्यवाद् ]

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