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मिट्टी ( मृदा ) क्या है? इसके प्रकार, कार्य एवं संरक्षण! ( Mittee kya hai )

मिट्टी ( मृदा ) क्या है? ( What is soil )

परिभाषा ( Definition ) — पृथ्वी की सतह पर पाये जाने वाली दानेदार कणों की पतली परत मिट्टी ( मृदा ) ( Soil ) कहलाती है । इसका निर्माण चट्टानों से प्राप्त खनिजों और जैव पदार्थों एवं भूमि पर पाए जाने वाले खनिजों से होता है ।

मिट्टी ( मृदा ) के कार्य ( Soil Functions )

यह बहुत से छोटे बड़े जीवों का घर है । मिट्टी पौधों को जकड़ कर रखती है और पौधों को जल और पोषक तत्वों की पूर्ति करती है ।

मिट्टी परिच्छेदिका ( प्रोफाइल )

मृदा अनेक परतों से मिलकर बनी होती है । इन सभी परतों का गठन , रंग , गहराई और रासायनिक संघटन अलग होता है । सबसे ऊपरी परत में ह्यूमस ( जीवाश्म ) और खनिज पाये जाते हैं , इसलिए इसका रंग गहरा होता है और यही परत उपजाऊ होती है । दूसरी परत कठोर होती है इसमें ह्यूमस ( जीवाश्म ) कम होता है पर खनिज अधिक होती है । इसी प्रकार तीसरी परत पत्थरों की होती है । चौथी परत आधार शैल की होती है और यही मिट्टी को उसका रंग देता है ।

मिट्टी ( मृदा ) के प्रकार ( Types of soil )

भारत में पाई जाने वाली प्रमुख मिट्टी निम्न है ; ( 1 ). जलोढ़ मिट्टी ( Alluvial soil ) , ( 2 ). काली मिट्टी ( Black soil ) , ( 3 ). लाल मिट्टी ( Red soil ) , ( 4 ). लैटेराइट मिट्टी ( Laterite clay ) , ( 5 ). मरुस्थलीय मिट्टी ( Desert soil ) आदि ।

( 1 ). जलोढ़ मिट्टी ( Alluvial soil )

इस प्रकार की मिट्टी मैदानों और नदी घाटियों में पाई जाती है । इस मिट्टी में लगभग सभी पतरह के फसलें उगाई जा सकती हैं । इसमें उगाई जाने वाली प्रमुख फसल – गेहूँ , चावल , दलहन , तिलहन , कपास , गन्ना आदि है ।

( 2 ). काली मिट्टी ( Black soil )

इस मिट्टी का निर्माण लावा द्वारा होता है । यह मिट्टी गुजरात , महाराष्ट्र , आंध्र प्रदेश , तमिलनाडु में पाई जाती है । इसमें उगाई जाने वाली प्रमुख फसल – कपास , गन्ना आदि है । इसको कपासी मिट्टी भी कहते हैं ।

( 3 ). लाल मिट्टी ( Red soil )

यह मिट्टी दक्षिण भारत के पूर्वी क्षेत्रों में पाई जाती है । इस मिट्टी में लोहे की अधिकता के कारण इसका रंग लाल होता है । सिंचाई की सुविधा से इसमें उगाई जाने वाली प्रमुख फसल धान , आलू , कपास आदि है ।

( 4 ). लैटेराइट मिट्टी ( Laterite clay )

ये मिट्टी वहां पाई जाती है जहां पर वर्षा अधिक होती है । यह मिट्टी खेती के लिए अच्छी नहीं होती है ।

( 5 ). मरुस्थलीय मिट्टी या शुष्क मिट्टी ( Desert soil )

यह मिट्टी शुष्क या अर्द्ध शुष्क यानी मरुस्थलीय स्थानों में पाई जाती है । जैसे कि राजस्थान और लद्दाख में ।

नोट चिकनी मिट्टी में जल ग्रहण क्षमता अधिक होती है ।

मिट्टी का निम्नीकरण ( Soil degradation )

मिट्टी के खराब होने के कई कारण है ; जैसे कि,

( 1 ). जंगल काटने से ।
( 2 ). बहुत अधिक वर्षा और बाढ़ से ।
( 3 ). भूस्खलन से ।
( 4 ). अतिचारण यानी चारागाहों के अधिक प्रयोग से ।
( 5 ). एक ही तरह के फसल बार – बार उगाने से ।
( 6 ). बहुत अधिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से ।

मिट्टी संरक्षण ( Soil conservation )

मिट्टी को संरक्षित रखा जा सकता है ; जैसे कि,

( 1 ). अधिक से अधिक पौधे लगा करके ।
( 2 ). उर्वरकों और कीटनाशकों का कम उपयोग करके ।
( 3 ). अतिचारण कम करने से ।
( 4 ). बाँध बना कर अलग – अलग समय पर भिन्न – भिन्न फसलें उगा करके ।

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