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भूतापीय ऊर्जा क्या है? (Bhootaapeey oorja kya hai)

भूतापीय ऊर्जा क्या है? (What is geothermal energy)

भूतापीय ऊर्जा — हमारे पृथ्वी के अन्दर से निकलने वाले गर्म जल के झरनों से भूतापीय ऊर्जा (geothermal energy) प्राप्त होती है । पृथ्वी की गहराई में तापमान होता है जिससे जल गर्म हो कर झरनों के रूप में पृथ्वी की सतह पर आ जाता है । यह भू-तापीय ऊर्जा, ग्रह के मूल गठन से, खनिज के रेडियोधर्मी क्षय से और सतह पर अवशोषित सौर ऊर्जा से उत्पन्न होती है। पेलिओलिथिक काल से इसका प्रयोग स्नान के लिए और रोमन काल से स्थानों को गर्म करने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन अब इसे बिजली उत्पन्न करने के लिए बेहतर रूप में जाना जाता है। यह बिजली की वैश्विक मांग का 0.3% की आपूर्ति करती है।

भू-तापीय ऊर्जा लागत प्रभावी, विश्वसनीय, टिकाऊ, संपोषणीय और पर्यावरण के अनुकूल है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह प्लेट विवर्तनिक सीमाएं (tectonic boundaries) के निकट के क्षेत्रों तक सीमित रही है। हाल के तकनीकी विकासों ने व्यवहार्य संसाधनों की सीमाओं और आकार को नाटकीय रूप से विस्तार दिया है, विशेष रूप से गृह तापन जैसे अनुप्रयोगों के लिए और बड़े पैमाने पर दोहन की संभावनाओं को भी खोला है। भू-तापीय कुएं, ग्रीन हाउस गैसों को छोड़ते हैं जो धरती के भीतर गहरे फंसी होती है, लेकिन ये उत्सर्जन, ऊर्जा की प्रति यूनिट के हिसाब से जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) की तुलना में बहुत कम हैं।

परिणामस्वरूप, भू-तापीय ऊर्जा में वैश्विक गर्मी को कम करने की क्षमता है यदि इन्हें जीवाश्म ईंधन के स्थान पर व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाए तो । पृथ्वी के भू-तापीय संसाधन, मानव की ऊर्जा की जरूरतों की आपूर्ति के लिए सैद्धांतिक रूप में पर्याप्त से अधिक है, लेकिन उसके केवल एक बहुत छोटे से अंश को लाभदायक तरीके से दोहन (harness) किया जा सकता है। गहरे संसाधनों के लिए ड्रिलिंग और खोज में करोड़ों डॉलर लगता है और सफलता की गारंटी नहीं होती है। भू-तापीय ऊर्जा के भविष्य के दोहन के लिए पूर्वानुमान, प्रौद्योगिकी विकास, ऊर्जा की कीमत, सब्सिडी और ब्याज दरों के अनुमानों पर निर्भर करता है।

भूतापीय ऊर्जा के उपयोग (Use of geothermal energy)

  • इसका उपयोग खाना बनाने ।
  • बिजली बनाने , आदि में किया जाता है ।

इस ऊर्जा से लाभ (Benefit from geothermal energy)

  • इससे पूरे साल ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है ।
  • इससे प्रदूषण नहीं होता है ।

भूतापीय ऊर्जा से हानि (Loss of geothermal energy)

  • इसके संवहन का खर्च ज्यादा होता है ।
  • यह सब जगह आसानी से उपलब्ध नहीं है ।
  • भारत में मणिकर्ण ( हिमाचल प्रदेश ) , पूगा घाटी ( लद्दाख ) , तातापानी ( झारखण्ड ) और खम्मम ( तेलंगाना ) में भूतापीय ऊर्जा का उत्पादन होता है ।

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