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पोषण के विकार? कुपोषण के कारण! ( Poshan ke vikaar )

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इस पोस्ट में पोषण के विकार? विषय से सम्बन्धित जानकारी है , तो चलिए आगे जानते है इन सभी इसके बारे में ” उत्तर “

पोषण के विकार? ( Nutritional disorders )

पोषण के विकार निम्नलिखित हैं ;

PEM — प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण को प्रोटीन कैलोरी कुपोषण ( protein calorie malnutrition ) भी कहते हैं । यह बीमारी बच्चों तथा वयस्कों में उस दशा से होती है जब प्रोटीन व ऊर्जा की मात्रा शरीर की पोषण आवश्यकता से अपर्याप्त रहती है । एक मोटे अनुमान के अनुसार , दुनिया के आज दो तिहाई लोगों को सन्तुलित आहार उपलब्ध नहीं हो पाता है । विकासशील देशों में यह मृत्यु का प्रमुख कारण है ।

प्रोटीन – ऊर्जा कुपोषण दो प्रकार का होता है ;

( i ). प्राथमिक पी इ एम ( Primary PEM ) :— यह कुपोषण भोजन में प्रोटीन ऊर्जा की कमी से होता है ।
( ii ). द्वितीयक पी इ एम ( Secondary PEM ) :— कुछ बिमारियों , जैसे वृक्क निष्क्रियता आदि के कारण शरीर में भोजन से पर्याप्त प्रोटीन आदि का अवशोषण नहीं हो पाता है । इसे द्वितीयक कुपोषण कहते हैं ।

कुपोषण के कारण, प्रमुख विकार ( Major disorders due to malnutrition )

मनुष्य में कुपोषण के कारण, प्रमुख विकार निम्न हैं ;

( 1 ). मैरैस्मस ( Marasmus )

यकृत में “ ईंधन पदार्थ “ के रूप में इतनी लाइकोजन ( मण्ड ) संचित रहती है कि समय पर भोजन प्राप्त न हो तो आधे दिन तक ऊर्जा की पूर्ति इसी से होती रहेगी , लेकिन इसके बाद भी यदि भोजन न मिले तो ऊर्जा – उत्पादन के लिए शरीर में पहले वसाओं का और बाद में प्रोटीन्स का विखण्डन होने लगता है । इसी को भुखमरी ( Starvation ) कहते हैं । इसके कारण वसा ऊतकों तथा पेशियों का क्षय होने लगता है । अतः इसके शिकार व्यक्ति दुबले और कमजोर हो जाते हैं , आँखें भीतर धंस जाती हैं , बाल झड़ने लगते हैं तथा त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाती हैं । इस रोग को मैरैस्मस ( Marasmus ) का रोग कहते हैं । यह रोग प्रोटीन और कैलोरी की कमी से होता है । भारत जैसे विकासशील देशों में यह रोग बच्चों में अधिक पाया जाता है । पीड़ित बच्चों की वृद्धि ( Growth ) रुक जाती है ।

( 2 ). क्वाशिओरकर ( Kwashiorkor )

भोजन में लगातार प्रोटीन्स की कमी रहे तो शरीर कमजोर हो जाता है , एक के रोगों के प्रति शरीर अधिक संवेदनशील हो जाता है तथा बच्चों में वृद्धि और बुद्धि का विकास कुंठित हो जाता है । रुधिर के प्लाज्मा में प्रोटीन्स की कमी से पैर फूल जाते हैं । पेट फूल जाता है । यकृत की काफी क्षति हो जाती है । त्वचा सूखी और पपड़ीदार हो जाती है तथा रंगा पदार्थ की कमी से इस पर सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं । रोगी सुस्त एवं कुंठित रहने लगता है । इन्हीं सब लक्षणों को सम्मिलित रूप से क्वाशिओरकर ( Kwashiorkor ) का रोग कहते हैं ।

तो दोस्तों , आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — पोषण के विकार? आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें.. [ धन्यवाद् ]

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