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डोमेन पद्धति क्या है? ( Domen paddhati kya hai )

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इस लेख में डोमेन पद्धति ( Domain system ) विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – डोमेन पद्धति क्या है? ( Domen paddhati kya hai ) इसके प्रकार आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “

डोमेन पद्धति क्या है? ( What is the domain system )

कार्ल बूज नाम के अणु विकास विद् और उनके सहयोगियों ने सन् 1990 में विभिन्न कोशिकाओं की आनुवंशिक संरचना का तुलनात्मक अध्ययन करके यह जानकारी प्राप्त किया कि , किस प्रकार से ये छः जगत् आपस में सम्बन्धित हैं । उन्होंने वर्गीकरण में जगत् से ऊपर एक अलग वर्गिकीय श्रेणी बनाई जिसे डोमेन कहा । डोमेन असल में समान जगतों का समूह है । जो उन कोशिकाओं की विशेषता को दर्शाता है जिससे प्राणी बना है । 

कार्ल वूज और उनके सहयोगियों ने विभिन्न वर्गों के जीवों में राइबोसोमल – आरएनए ( F – RNA ) की न्यूक्लिओटाइड्स क्रमों की आपस में तुलना करके यह निष्कर्ष निकाला कि प्रोकैरियोट्स को दो समूहों में बाँटा जा सकता है ;

( 1 ). बैक्टीरिया
( 2 ). आर्किया

ये दोनों समूह एक – दूसरे से इतने ही अलग होते हैं जितने की यूकरियोटिक कोशिकाओं से । लेकिन दोनों समूहों में आपस कुछ समानताएँ भी होती हैं । राइबोसोमल RNA में न्यूक्लिओटाइड क्रम की विशेषता कुछ दूसरी भिन्नताओं जैसे कोशिका – भित्ति व कोशिका कला की रासायनिक संरचना के भी अनुरुप होती है । ये सभी साफ साफ प्रमाण देते हैं कि पौधे , कवक और जन्तु एक – दूसरे के जितने नजदीक है । इतने एक दूसरे के नजदीक जीवाणु और आर्किया नहीं हैं । 

वूज ने छः जगतों को DNA जीन अनुक्रम ( sequence ) के आधार पर , तीन मुख्य समूहों में इकठ्ठा किया । जिन्हें उन्होंने डोमेन ( Domain ) का नाम दिया है । 

जीव जगत् के तीन डोमेन ( Three domains of living world ) 

जीव जगत् के तीन “ डोमेन “ निम्नलिखित हैं । इसे ” जीवन – वृक्ष “ ( The tree of Life ) भी कहते हैं । 

( 1 ). डोमेन ( Domain ) I जीवाणु या बैक्टीरिया ( Bacteria ) : इसमें जगत् यूबैक्टीरिया को रखा गया है ।
( 2 ). डोमेन ( Domain ) II आर्किया ( Archaea ) : आकिबैक्टीरिया जगत् को इस डोमेन में रखा गया है ।
( 3 ). डोमेन ( Domain ) II यूकैरिया ( Eukarya ) : इसके अन्तर्गत जगत् प्रोटिस्टा या आद्यजीव ( protista ) , प्लान्टी ( plantae ) , कवक ( fungi ) तथा ऐनिमेलिया ( animalia ) को सम्मिलित किया गया है । c

वर्तमान जीवों की उत्पत्ति ‘ विस्तृत पूर्वज ‘ से हुई है । विकासीय क्रम में व्यापक पूर्वज से एक शाखा डोमेन बैक्टीरिया की ओर तथा दूसरी शाखा डोमेन आर्किडोमेन यूकैरिया की ओर जाती है । इस प्रकार आर्कि व यूकैरियोट्स के पूर्वज समान हैं और जीवाणुओं के पूर्वज इनसे अलग हैं ।

डोमेन पद्धति
जीव जगत् के तीन “ डोमेन “

डोमेन के कुछ लक्षणों की तुलना

कोशिका लक्षण जीवाणु आर्किया युकैरिया
पेप्टीडोग्लाइकन कोशिका – भित्ति है नहीं नहीं
कोशिका कला लिपिड्स वसा अम्ल ग्लिसरोल से एस्टर बन्ध द्वारा जुड़े हाइड्रोकार्बन ग्लिसरॉल बन्ध द्वारा जुड़े वर्षा अम्ल ग्लिसरॉल से एस्टर बन्ध द्वारा जुड़े
राइबोसोमस 70S 70S 80S
इंट्रोंन्स की उपस्थिति    नहीं कभी-कभी है
कला से घिरा केंद्रक नहीं नहीं हैं

लीनियस द्वारा दी गई वर्गीकरण की दो जगत पद्धति से वर्तमान की छह जगह तथा तीन रूम इन व्यवस्था को चित्र में प्रदर्शित किया गया है ;

डोमेन पद्धति
वर्गीकरण की बदलती पद्धतियां

तो दोस्तों , आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — डोमेन पद्धति क्या है? ( Domen paddhati kya hai ) इसके प्रकार आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें हमें आपकी मदद करने में बहुत ख़ुशी होगी । धन्यवाद्…

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