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जीव विज्ञान की शाखाएं? ( Jeev vigyaan kee shaakhaen )

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इस लेख में जीव विज्ञान के शाखा ( Branch of biology ) विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – जीव विज्ञान की शाखाएं? ( Jeev vigyaan kee shaakhaen ) आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “

जीव विज्ञान की शाखाएं? ( Branches of biology )

जीव विज्ञान को निम्नलिखित शाखाओं में विभाजित किया जा सकता है । 

( 1 ). बाह्य आकारिकी ( External Morphology ) : इस शाखा में जन्तुओं एवं पौधों के बाह्य आकार या बाह्य रचना का अध्ययन किया जाता है ।

( 2 ). आन्तरिक आकारिकी ( Internal morphology ) : इस शाखा में पौधों के विभिन्न काटों के सहायता से या जंतुओं में विच्छेदन तथा सूक्ष्म काटों द्वारा उनके पूरे आंतरिक रचना का अध्ययन करते हैं । 

( 3 ). शारीरिकी ( Anatomy ) : इस शाखा में पौधों के भिन्न – भिन्न काटों की सहायता से या जन्तुओं में अंग विच्छेदन तथा छोटे – छोटे काटों द्वारा उनके पूरे आन्तरिक रचना का अध्ययन करते है । 

( 4 ). ऊतक विज्ञान ( Histology ) : इस शाखा में सूक्ष्मदर्शी की सहायता से ऊतकों का अध्ययन किया जाता है । 

( 5 ). कोशिका विज्ञान ( Cytology ) : इस शाखा में कोशिका के विभिन्न कोशिकांगों का अध्ययन , केन्द्रक की रचना कोशिका विभाजन इत्यादि का अध्ययन किया जाता है ।  

( 6 ). केन्द्रक विज्ञान ( Karyology ) : इस शाखा में केन्द्रक से सम्बन्धित रचनाओं कार्यों का अध्ययन करते हैं । 

( 7 ). शरीर क्रिया विज्ञान ( Physiology ) : इस शाखा में जीव जन्तुओं की सभी जैविक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है । यानी कोशिका के सभी रासायनिक भौतिक परिवर्तन तथा कोशिका एवं वातावरण के बीच विभिन्न पदार्थों के आदान – प्रदान का अध्ययन किया जाता है । जैसे कि — प्रकाश – संश्लेषण , श्वसन आदि । 

( 8 ). वर्गीकरण विज्ञान ( Taxonomy ) : इस शाखा में जन्तु एवं वनस्पतियों का वर्गीकरण विभिन्न लक्षणों के आधार पर किया जाता है जिससे कि उन्हें पहचानने और उनके विशेष लक्षणों को जानने में मदद मिलती है । 

( 9 ). परिस्थिति विज्ञान ( Ecology ) : इस शाखा में जन्तुओं तथा पौधों और उनके समुदाय पर वातावरण का प्रभाव और इसके विपरीत जीवों व उनके समुदाय का वातावरण पर प्रभाव एवं वातावरण के अनुसार , उनमें अनुकूलता का अध्ययन किया जाता है । साथ ही भूमि संरक्षण , प्राकृतिक सम्पदा का संरक्षण तथा प्रदूषण आदि का अध्ययन भी इसके अन्तर्गत किया जाता है ।

( 10 ). जैध भूगोल ( Bio Geography ) : इस शाखा में भूमण्डल में विभिन्न भागों में जन्तुओं एवं वनस्पतियों के वितरण व उसके कारणों का अध्ययन करते है । 

( 11 ). आनुवंशिक विज्ञान ( Genetics ) : इस शाखा में वंशागति और माता – पिता से समानता विभिन्नताओं का अध्ययन करते हैं । 

( 12 ). भ्रूण विज्ञान ( Embryology ) : इस शाखा में अण्ड या अण्डाणु के निषेचन से लेकर भ्रूण के परिवर्धन तक की क्रमबद्ध अवस्थाओं का अध्ययन किया जाता है । 

( 13 ). जीवाश्य विज्ञान ( Palacontology ) : जीवाश्मों की सहायता से प्राचीन जीवन का अध्ययन किया जाता है ।  

( 14 ). पुरावनस्पति विज्ञान ( palaeobotany ) : इस शाखा में आदिकाल के जन्तु और पौधे जो अब जीवित नहीं हैं उनके रचना , आकार , प्रकार , और आज के जीवित पौधों से उनके सम्बन्ध आदि का अध्ययन करते हैं । 

( 15 ). जैव विकास ( Organic Evolution ) : इस शाखा में सृष्टि के आरम्भ से अब तक के जीवों के क्रमिक परिवर्तनों द्वारा जटिल जीवों की उत्पत्ति का अध्ययन किया जाता है । 

( 16 ). सूक्ष्म जीव विज्ञान ( Microbiology ) : इस शाखा में सूक्ष्म जीवों और उनसे उत्पन्न होने वाले विशेष प्रभावों का अध्ययन किया जाता है । 

( 17 ). जैव रसायन ( Biochemistry ) : इस शाखा में जीवधारियों में पाए जाने वाले पदार्थों और उनकी रासायनिक प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है । 

( 18 ). जैव भौतिकी ( Biophysics ) : इस शाखा में भौतिकी के सिद्धान्तों के सन्दर्भ में जैविक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है । 

( 19 ). आण्विक जीव विज्ञान ( Molecular Biology ) : इस शाखा में जैव रसायन का आण्विक आधार पर अध्ययन किया जाता है । 

( 20 ). जैव प्रजनिकी ( Breeding Biology ) : इस शाखा में चयनित संयोग द्वारा नई जातियाँ या किस्में तैयार की जाती हैं । 

( 21 ). जैव सांख्यिकी ( Biostatistics ) : इस शाखा में जैविक क्रियाओं के परिणामों का साँख्यिकी तथा गणितिय सिद्धान्तों द्वारा अध्ययन और विश्लेषण किया जाता है । 

( 22 ). आनुवंशिकी इंजीनियरी ( Genetic Engineering ) : इस शाखा में आनुवंशिक पदार्थ को जोड़ना , अलग करना या किसी प्रकार बदलना जिससे उस जीव में अच्छे लक्षणों का समावेश हो आदि का अध्ययन किया जाता है । 

( 23 ). कोशिका वर्गिकी विज्ञान ( Cytotaxonomy ) : इस शाखा में कोशिका संरचना तथा उसमें उपस्थित गुणसूत्रों की संरचना के आधार पर जीवों का वर्गीकरण किया जाता है । 

( 24 ). रासायनिक वर्गिकी ( Chemotaxonomy ) : इस शाखा के अन्तर्गत प्राणियों में उपस्थित विशेष रसायनों के आधार पर वर्गीकरण किया जाता है । 

( 25 ). जैव प्रौद्योगिकी ( Biotechnology ) : इस शाखा में जीवितों या उनके उत्पादों का औद्योगिक प्रक्रियाओं से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है । 

( 26 ). जैवीय ऊर्जा विज्ञान ( Bioenergetics ) : इस शाखा में जीवों में ऊर्जा प्रवाह तथा ऊर्जा रूपान्तरण का अध्ययन किया जाता है । 

( 27 ). खाद्य प्रौद्योगिकी ( Food Technology ) : इस शाखा में भोज्य पदार्थों का वैज्ञानिक विधि से संरक्षण , भण्डारण तथा स्थानान्तरण किया जाता है । 

( 28 ). जीन पारिस्थितिकी ( Genecology ) : इस शाखा में किसी आबादी या समष्टि के जीनी संघठन का वासस्थान या वातावरण के सम्बन्ध में अध्ययन किया जाता है ।

तो दोस्तों , आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — जीव विज्ञान की शाखाएं? ( Jeev vigyaan kee shaakhaen ) आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें हमें आपकी मदद करने में बहुत ख़ुशी होगी । [ धन्यवाद्…]

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