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खाद्य श्रृंखला किसे कहते है? ( Khaady shrrnkhala kise kahate hai )

इस लेख में खाद्य श्रृंखला ( Food chain ) विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – खाद्य श्रृंखला किसे कहते है? ( Khaady shrrnkhala kise kahate hai ) , परिभाषा , प्रकार आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “। 

खाद्य श्रृंखला किसे कहते है? ( What is the food chain )

परिभाषा ( Definition ) — खाद्य श्रृंखला विभिन्न जीवों का वह क्रम है , जिसके द्वारा एक पारितंत्र में खाद्य ऊर्जा का प्रवाह होता है खाद्य श्रृंखला कहलाता है । खाद्य ऊर्जा का प्रवाह एक दिशीय होता । उदाहरण — पौधे → टिड्डा → मेढ़क → साँप → उल्लू

इसमें में पौधे भोजन का उत्पादन करते हैं । टिड्डा ← पौधे से भोजन प्राप्त करता है । फिर मेढ़क ← टिड्डा से भोजन प्राप्त करता है और फिर साँप ← मेढ़क से भोजन प्राप्त करता है । और उल्लू ← सांप से भोजन प्राप्त करता है । इस तरह से खाद्य ऊर्जा का प्रवाह एक दिशा में होता है ।

खाद्य श्रृंखला अधिक से अधिक 5 स्तर तक हो सकती है । क्योंकि हर स्तर पर उपभोक्ता केवल 10% ही संचित ऊर्जा को अपने शरीर में ले पाता है , और बाकि के 90% संचित ऊर्जा नुकसान हो जाता है । क्योंकि ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य है । ” उपभोक्ता द्वारा 10% संचित ऊर्जा के रूपान्तर को लिण्डमेन का 10% का सिद्धान्त कहा जाता है “ । 

उर्जा श्रृंखला सूर्य → उत्पादक → प्राथमिक उपभोक्ता → द्वितीयक उपभोक्ता → तृतीयक उपभोक्ता
उर्जा इकाई ( 10,000 ) (  100 ) →  ( 10 ) → ( 1 ) → ( 0.1 )

खाद्य श्रृंखला में मूल उत्पादकों में अधिक से अधिक ऊर्जा मिलेगी और सर्वश्रेष्ठ श्रेणी के उपभोक्ता में सबसे कम ऊर्जा मिलेगी । इसी कारण ऊर्जा का पिरामिड हमेशा सीधा रहता है ।

Food Chain
उर्जा पिरामिड

उत्पादक ( 

परिभाषा — सभी पौधो को उत्पादक कहा जाता है । क्योंकि पौधे प्रकाश, कार्बन डाइ-ऑक्साइड और जल की सहायता से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करते हैं । इसलिए इन्हे उत्पादक कहा जाता है । प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिए पौधों में क्लोरोफिल पाया जाता है । जो पौधों के हरे रंग के लिए भी उत्तरदाई है ।

उपभोक्ता —

परिभाषा — सभी जन्तुओं को उपभोक्ता कहा जाता हैं । क्योंकि यह भोजन के लिए पेड़ पौधों पर निर्भर होते है इसलिए इन्हें उपभोक्ता कहा जाता है । क्योंकि यह भोजन स्वयं नहीं बना सकते है ।

खाद्य शृंखला में उपभोक्ता के प्रकार —

प्राथमिक उपभोक्ता —

परिभाषा — ये शाकाहारी जन्तु होते है और ये पेड़ पौधों को खाते है । इसलिए सभी जन्तु जो भोजन के लिए उत्पादक यानि वनस्पतियों पर निर्भर होते हैं उन्हें प्राथमिक श्रेणी के उपभोक्ता कहते है । जैसे – टिड्डा , बकरी , हिरण , गाय इत्यादि । 

द्वितीयक उपभोक्ता —

परिभाषा — ये मांसाहारी होते हैं और ये शाकाहारी जीवों को खाते हैं । इसलिए सभी जन्तु जो भोजन के लिए प्रथम श्रेणी के उपभोक्ताओं पर निर्भर होते हैं उन्हें द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ता कहते है । जैसे – मेढ़क , बिल्ली , लोमड़ी इत्यादि ।

तृतीयक उपभोक्ता —

परिभाषा — ये उच्च स्तर के मांसाहारी होते हैं । और ये प्राथमिक उपभोक्ता या द्वितीयक उपभोक्ता को खाते हैं या फिर दोनों उपभोक्ताओं को खाते हैं । इसलिए इन्हे तृतीयक श्रेणी के उपभोक्ता कहते है । जैसे – शेर – हिरण और लोमड़ी को खाते है । और मोर , बाज , उल्लू – सांप को खाते है ।

सर्वाहारी —

परिभाषा — जो उत्पादकों और प्राथमिक उपभोक्ताओं का सेवन करते हैं सर्वाहारी कहलाते हैं । जैसे कि – मनुष्य , बिल्ली , कौआ , मोर इत्यादि ।

खाद्य जाल —

परिभाषा — अनेक खाद्य श्रृंखलाओं के समूह को खाद्य जाल कहते है । खाद्य जाल में ऊर्जा का स्थानान्तरण का मार्ग बहुदिशीय होता है । पारितंत्र में खाद्य जाल का होना जरूरी है । क्योंकि यह पृथ्वी के प्राकृतिक सन्तुलन को बनाये रखता है ।

Food Chain
 खाद्य जाल

तो दोस्तों आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — खाद्य श्रृंखला किसे कहते है? ( What is food chain ) , परिभाषा , प्रकार  आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें हमें आपकी मदद करने में बहुत ख़ुशी होगी । धन्यवाद्…

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