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परिवार किसे कहते हैं? परिभाषा ( Parivaar kise kahate hain )

इस लेख में परिवार ( family ) विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – परिवार किसे कहते हैं? ( Parivaar kise kahate hain ) प्रकार, गुण, नियम, कार्य आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “

परिवार किसे कहते हैं? ( What is the family )

परिभाषा ( Definition ) परिवार मनुष्य सहित सभी जीव – जन्तु अपने – अपने बच्चों के साथ रहते हैं और अपने – अपने परिवार बनाते हैं । मनुष्य के परिवार में वे सभी लोग होते हैं , जो एक दूसरे के रक्त सम्बन्धी होते हैं । किसी – किसी परिवार में गोद लिए हुए बच्चे भी हो सकते है । परिवार छोटा भी हो सकता है और बड़ा भी ।

परिवार के प्रकार ( Type of family )

मनुष्यों के परिवार दो प्रकार के होते हैं ;

( 1 ). एकल परिवार ( Solo family )

( 2 ). संयुक्त परिवार ( Joint family )

एकल परिवार ( Solo family )

परिभाषा ( Definition )  इस तरह के परिवार में माँ – बाप और बच्चे होते हैं । यह परिवार छोटा होता है । 

संयुक्त परिवार ( Joint family )

परिभाषा ( Definition )  इस तरह के परिवार में दादा – दादी , चाचा , बुआ , ताऊ – ताई , माँ – बाप और बच्चे होते हैं या फिर नाना – नानी , मामा – मामी , मौसी , माँ – बाप और बच्चे होते हैं । 

परिवार में सदस्यों की संख्या ( Number of family members )

परिवार बदलते रहते हैं यानी परिवार के सदस्यों की संख्या कम भी हो सकती है और बढ़ भी सकती है । जब परिवार का कोई सदस्य चला जाता है या किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तब संख्या कम हो जाती है । और जब परिवार में कोई सदस्य आ जाता है या फिर किसी बच्चे का जन्म होता है तब संख्या बढ़ जाती है । 

परिवार में सदस्यों के गुण ( Character of family members )

एक परिवार के सदस्यों के बहुत से गुण एक जैसे हो सकते हैं । जैसे कि – नाक , आँख , रंग , बाल , आवाज , हँसी , छींक , उंगलियाँ , हाव – भाव आदि । ये गुण बच्चों में उनके माँ – बाप से आते है । माता पिता से बच्चों में गुणों के स्थानांतरण को आनुवांशिकता कहते हैं ।

किसी एक परिवार को एक पेड़ के रूप में दर्शाया जा सकता है , जिसे पारिवारिक वृक्ष कहते हैं ।

परिवार किसे कहते हैं

परिवार के नियम ( Family rules )

हर एक परिवार के घर के नियम अलग – अलग होते हैं । कुछ परिवार दूसरे परिवार के लोगों को अपने से नीचा मानते हैं । कुछ परिवार के सदस्य दूसरे परिवार के यहाँ पानी तक नहीं पीते । यही ऊँच – नीच की भावना होती है । कुछ परिवार में लड़के और लड़कियों के लिए अलग – अलग नियम होते हैं । जो छूट लड़कों को मिलती है वह लड़कियों को नहीं मिलती । यही लैंगिक विभेद है । ऊँच – नीच की भावना और लैंगिक विभेद किसी भी समाज को सफल नहीं बनाते हैं । अगर समाज को विकसित करना है तो ये भावनायें समाज में नहीं होनी चाहिए । 

परिवार के कार्य ( Family work )

परिवार बच्चे का पहला स्कूल होता है और यहीं से सीखना शुरू करता है । परिवार बच्चे के विकास में मदद करता है और इसी से सामाजीकरण का पाठ शुरू होता है । यह माना जाता है कि जैसा परिवार होगा वैसा ही बच्चा विकास करेगा । परिवार से बच्चे खुशी मनाना और दु : ख बाँटना सीखते है । परिवार से बच्चे अपनी संस्कृति को सीखते हैं । परिवार से बच्चे मिल – जुल कर रहना सीखते है । 

तो दोस्तों , आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — परिवार किसे कहते हैं? ( Parivaar kise kahate hain ) प्रकार, गुण, नियम, कार्य आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें हमें आपकी मदद करने में बहुत ख़ुशी होगी । [ धन्यवाद्…]

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