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प्रकाश का परावर्तन? परिभाषा, प्रकार! ( Prakaash ka paraavartan )

प्रकाश का परावर्तन? ( Reflection of light )

प्रकाश का परावर्तन :— जब प्रकाश किसी चमकदार या पॉलिश की हुई वस्तु पर पड़ता है तब वह उस वस्तु से टकरा कर वापिस लौटता है , इस प्रक्रिया को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं । हम शीशे ( दर्पण ) में अपना चेहरा प्रकाश के परावर्तन के कारण ही देख पाते हैं । पानी में भी वस्तुओं का प्रतिबिम्ब प्रकाश के परावर्तन के कारण ही दिखाई देता है । प्रकाश सरल रेखा में गमन करता हुआ दर्पण से परावर्तित हो जाता है ।

दर्पण ( Mirror )

वह सतह जो चिकनी , चमकदार और परावर्तक हो , दर्पण कहलाती है । दर्पण दो प्रकार के होते हैं : ( 1 ). समतल दर्पण / आईना ( 2 ). गोलीय दर्पण

( 1 ). समतल दर्पण / आईना / शीशा ( Plane mirror )

इसकी परावर्तक सतह समतल होती है । समतल दर्पण का उपयोग आईना , बहुरूपदर्शी ( कलेइडोस्कोप ) , परिदर्शी ( पेरिस्कोप ) आदि में किया जाता है । आईना छोटा हो या बड़ा , प्रतिबिम्ब वस्तु के आकार ( साइज़ ) के समान ही बनता है । आईने में हमारा बायाँ हाथ दायाँ दिखाई देता है और दायाँ हाथ बायाँ यानी जब हम आईने में देखते हैं तब हाथों की अदला – बदली हो जाती है । इसे पार्श्व परिवर्तन कहते हैं ।

इसलिए रोगी वाहनों पर AMBULANCE उल्टा लिखा जाता है जिससे कि इसके आगे वाले वाहनों के पीछे का दृश्य दिखाने वाले दर्पण में वह ठीक से या सीधा दिखाई दे ।

( 2 ). गोलीय दर्पण ( Spherical mirror )

इस दर्पण में परावर्तक सतह गोलीय होती है । गोलीय दर्पण दो प्रकार का होता है : ( i ). अवतल दर्पण / अपसारी ( Concave mirror ) , ( ii ). उत्तल दर्पण / अभिसारी दर्पण ( Convex mirror ) ।

( i ) अवतल दर्पण / अपसारी दर्पण ( Concave mirror )

इस प्रकार के दर्पण में अन्दर का गोलीय भाग परावर्तक सतह का कार्य करता है । इसमें आने वाली प्रकाश की किरणें फैलती हैं । इसमें प्रतिबिम्ब का साइज वस्तु और दर्पण के बीच की दूरी पर निर्भर करता है ।

उपयोग ( Use )
  • आँख , कान एवं नाक के डॉक्टरों द्वारा किया जाता है ।
  • इसका उपयोग दाँतों के डॉक्टर भी करते हैं ।
  • इसका उपयोग दाढ़ी बनाने वाले दर्पण के रूप में किया जाता है ।
  • गाड़ियों की हेडलाइटों में होता है ।
( ii ) उत्तल दर्पण / अभिसारी दर्पण ( Convex mirror )

इस प्रकार के दर्पण में बाहर का उभरा हुआ गोलीय भाग परावर्तक सतह का कार्य करता है । इसमें आने वाली प्रकाश की किरणें सिकुड़ जाती हैं । इसमें वस्तु का प्रतिबिंब वस्तु के आकार से छोटा होता है । इसका विस्तार क्षेत्र अधिक होता है ।

उपयोग ( Use )
  • इस का उपयोग गाड़ियों के साइड वाले शीशे ( पृष्ट दृश्य दर्पण ) के रूप में होता है ।
  • इस का उपयोग मेट्रो स्टेशनों पर , दुकानों आदि में बड़े क्षेत्रों को देखने के लिए किया जाता है ।

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