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ध्वनि प्रदूषण क्या है? ( What is noise pollution )
ध्वनि प्रदूषण क्या है : जब वातावरण में अत्यधिक ध्वनि हो जाती है जो मनुष्य के लिए हानिकारक होती है , उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं । ध्वनि प्रदूषण या अत्यधिक शोर किसी भी प्रकार के अनुपयोगी ध्वनियों को कहते हैं, जिससे मानव और जीव जन्तुओं को परेशानी होती है । इसमें यातायात के दौरान उत्पन्न होने वाला शोर मुख्य कारण है । जनसंख्या और विकास के साथ ही यातायात और वाहनों की संख्या में भी वृद्धि होती जिसके कारण यातायात के दौरान होने वाला ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ने लगता है । अत्यधिक शोर से सुनने की शक्ति भी चले जाने का खतरा होता है ।
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत ( Sources of noise pollution )
ध्वनि प्रदूषण की समस्या निरन्तर बढ़ने वाली समस्या है । सभी मानव गतिविधियाँ भिन्न भिन्न स्तरों पर ध्वनि-प्रदूषण को बढ़ावा देती हैं । ध्वनि प्रदूषण के अनेक स्रोत हैं जो घर के अन्दर और बाहर दोनों ही जगह हैं ।
भीतरी स्रोत ( Internal source )
इसमें रेडियो , टेलीविजन , जनरेटर , बिजली के पंखे , एयर कूलर, एयरकंडीशनर , विभिन्न घरेलू उपकरण से उत्पन्न शोर निहित हैं । शहरों में ध्वनि प्रदूषण अधिक है क्योंकि शहरों में आबादी घनी है , उद्योग अधिक है और यातायात जैसी गतिविधियाँ अधिक हैं । अन्य प्रदूषकों की तरह शोर भी औद्योगिकीकरण , शहरीकरण और आधुनिक सभ्यता का एक उप-उत्पाद (By-product) है ।
बाहरी स्रोत ( External source )
लाउडस्पीकरों का विवेकहीन प्रयोग , औद्योगिक गतिविधियां , मोटरगाड़ियां , रेल , हवाई जहाज , बाजार , धार्मिक , सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की गतिविधियां , खेलकूद और राजनैतिक रैलियां ध्वनि प्रदूषण के बाहरी स्रोत हैं । ग्रामीण क्षेत्रों में खेती में काम आने वाली मशीनें , पम्प सेट ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोत होते हैं । त्योहारों , शादियों और अन्य अनेक अवसरों पर आतिशबाजी का प्रयोग भी ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा देता है ।
ध्वनि प्रदूषण के कारक ( Due to noise pollution )
• वाहनों का शोर , विस्फोटकों , पटाखों आदि का शोर ।
• मशीनों का शोर , लाउडस्पीकरों का चलना ।
• कूलरों की आवाज , टेलिविजनों , ट्रांजिस्टरों आदि का तेज आवाज में चलना ।
• एयर कंडिशनरों का चलना ।
ध्वनि प्रदूषण से हानियाँ ( Disadvantages of noise pollution )
• अनिद्रा , उच्च रक्तचाप , चिन्ता इत्यादि ।
• सुनने की क्षमता का स्थायी या अस्थायी रूप से कम होना ।
ध्वनि प्रदूषण रोकने के उपाय ( Measures to stop noise pollution )
• वाहनों में रवशामक ( साइलेंसरों ) का उपयोग करना ।
• हॉर्न का कम – से – कम उपयोग करना ।
• शोर उत्पन्न करने वाले उद्योगों को मनुष्य के रहने वाले स्थानों से दूर स्थापित करना ।
• टेलिविजन , ट्रांजिस्टर आदि की प्रबलता को कम रखना ।
• सड़कों , औद्योगिक क्षेत्रों और घरों के आस – पास पेड़ लगाना । इसे ‘ ग्रीन मफ्लर ‘ कहते हैं ।
ध्वनि की गति ( Speed of sound )
ध्वनि की चाल ठोस वस्तुओं सबसे अधिक होती है और गैसों में सबसे कम ।
[ वायु में ध्वनि की चाल होती है : 332 मीटर / सेकेण्ड ]
उदाहरण — जब बिजली कड़कती है तब हमें सबसे पहले प्रकाश दिखाई देता है और उसके बाद आवाज़ सुनाई देती है क्योंकि प्रकाश की चाल ध्वनि से अधिक होती है ।
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