You are currently viewing पृथक्करण क्या है? परिभाषा, विधि! ( Prthakkaran Kya Hai )

पृथक्करण क्या है? परिभाषा, विधि! ( Prthakkaran Kya Hai )

पृथक्करण क्या है? ( What is Separation )

पृथक्करण क्या है— जिस पदार्थों का हम उपयोग करते हैं , उनमें कई सारे पदार्थ मिश्रित होते हैं । मिश्रण में दो या दो अधिक पदार्थ होते हैं । इन मिश्रण में कुछ हानिकारक और कुछ अनुपयोगी पदार्थ होते हैं जिनका अलग करना जरूरी होता है , जिससे कि हम उपयोगी पदार्थ का उपयोग कर सकें और अनुपयोगी पदार्थों को बाहर कर सकें । किसी मिश्रण में से उपयोगी और अनुपयोगी पदार्थों का अलग करना ही पृथक्करण ( Separation ) कहलाता है । अलग – अलग मिश्रणों को अलग – अलग विधियों के द्वारा अलग किया जाता है । किसी भी मिश्रण की पृथक्करण की विधि उस मिश्रण के घटकों ( अवयवों ) पर निर्भर करती है ।

मिश्रणों के पृथक्करण की विधि ( Method of Separation of Mixtures )

मिश्रणों के पृथक्करण की विधियां निम्नलिखित है ;

( 1 ). ठोस अवयवों के मिश्रण
( 2 ). ठोस और द्रव अवयवों के मिश्रण
( 3 ). द्रव और द्रव अवयवों के मिश्रण

ठोस अवयवों के मिश्रण ( Mixture of Solid Ingredients )

इन मिश्रणों में अवयव ठोस होते हैं । इन मिश्रणों को निम्नलिखित तरीकों से अलग किया जाता है :

( 1 ). हस्त चयन विधि

इस विधि में ठोस अनुपयोगी अवयव को हाथ से ननिकाला जाता है । इसके द्वारा दाल , चावल आदि से कंकड़ – पत्थर अलग किया जाता है ।

( 2 ). श्रेसिंग / गाहना विधि

इस विधि से अनाज के कणों को उनकी डंडियों से अलग किया जाता है । इसमें अनाज की डंडियों को हाथों से पीटा जाता है या फिर बैलों के द्वारा कुचला जाता है या फिर थ्रेशर का प्रयोग किया जाता है ।

( 3 ). निष्पावन / पछारना विधि

इस विधि के द्वारा हल्के और भारी ठोस अवयवों को अलग किया जाता है । इसमें हवा का प्रयोग किया जाता है । इस विधि के द्वारा अनाज के कणों को भूसे से अलग किया जाता है ।

( 4 ). चालन विधि

इस विधि से उस मिश्रण को , जिसका एक घटक बारीक होता है और दूसरा थोड़ा मोटा , अलग किया जाता है । इसमें चालनी ( sieve ) का प्रयोग किया जाता है । इस विधि से आटे में से चोकर , रेत में से कंकड़ – पत्थर अलग किये जाते हैं ।

( 5 ). चुम्बकीय पृथक्करण विधि

इस विधि में चुम्बक का प्रयोग किया जाता है । इस विधि से उस मिश्रण को जिसका एक घटक चुम्बक की तरफ आकर्षित हो जाता है । जैसे- लोहा , निकिल , कोबाल्ट को अलग किया जाता है ।

ठोस और द्रव अवयवों के मिश्रण ( Mixture of Solid and Liquid Ingredients )

इस प्रकार के मिश्रणों में मुख्यतः उपयोगी घटक द्रव के रूप में होता है और अनुपयोगी घटक ठोस के रूप में । इस प्रकार के मिश्रणों को निम्न विधियों से अलग किया जाता है : .

( 1 ). अवसादन / तलछटन विधि

इस विधि में ठोस एवं द्रव के मिश्रण को कुछ समय के लिए स्थिर छोड़ दिया जाता है । मिश्रण के स्थिर रहने पर ठोस घटक नीचे बैठ जाता है और द्रव घटक ऊपर आ जाता है ।

( 2 ). निस्तारण / निथारना विधि

इस प्रक्रिया में अवसादित मिश्रण के द्रव को बिना हिलाए दूसरे बर्तन में डाला जाता है ।

( 3 ). निस्पंदन / छानना विधि

इस विधि में निस्तारित मिश्रण को छलनी से छान लिया जाता है ।

  • चाय में से चायपत्ती ,
  • जूस में से रेशे ,
  • पनीर बनाने के लिए फटे दूध में से ठोस कण।
( 4 ). वाष्पीकरण विधि

इस विधि में ठोस एवं द्रव के मिश्रण को उबाला / गर्म किया जाता है ।

  • गर्म करने पर द्रव ( जल ) भाप बन कर उड़ जाता है और ठोस घटक नीचे रह जाता है ।
  • समुद्र के पानी से नमक को इसी विधि के द्वारा अलग किया जाता है ।
  • वाष्पीकरण किसी भी तापमान पर हो सकता है परंतु उबलना ( boil ) एक निश्चित तापमान पर ही होता है ।
( 5 ). अपकेन्द्रण विधि

इस विधि में ठोस एवं द्रव के मिश्रण को बहुत तेज गति से घुमाया जाता है ।

  • इस विधि से दूध में से क्रीम और दही में से मक्खन को अलग किया जाता है ।
  • वाशिंग मशीन में कपड़े धोना भी इसी विधि पर आधारित है ।
( 6 ). द्रवशोधन / आसवन विधि

इस विधि में ठोस एवं द्रव ( fluid ) के मिश्रण को गर्म किया जाता है । इस विधि में ऐसे उपकरण का प्रयोग किया जाता है , जिसमें द्रव ( fluid ) भाप बन कर ऊपर उठता है और ठंडा हो कर दूसरे पात्र में इकट्ठा हो जाता है और ठोस नीचे रह जाता है । समुद्र के जल से नमक और शुद्ध जल प्राप्त करने के लिए इस विधि का प्रयोग किया जाता है ।

द्रव एवं द्रव अवयवों के मिश्रण (Mixture of Liquid and Liquid Ingredients )

इन मिश्रणों में घटक द्रव के रूप में होते हैं । इन मिश्रणों में से उपयोगी और अनुपयोगी पदार्थों को निम्न विधियों से अलग किया जाता है ;

( 1 ). पृथक कीप विधि

इस विधि से दो अघुलनशील द्रवों को अलग किया जाता है । इस विधि से तेल और पानी के मिश्रण को अलग किया जाता है । तेल हल्का होने के कारण ऊपर रह जाता है और पानी नीचे पात्र में इकट्ठा हो जाता है ।

( 2 ). प्रभाजी आसवन विधि

इस विधि के द्वारा घुलनशील द्रवों को अलग किया जाता है । यह विधि पदार्थों के क्वथनांक बिन्दु पर आधारित है । जब इस प्रकार के मिश्रण को गर्म किया जाता है । तब अलग – अलग क्वथनांक बिन्दु वाले द्रव अलग हो जाते हैं । इस विधि के द्वारा कच्चे तेल से मोम , स्नेहक ( ग्रीज ) , डीजल , मिट्टी का तेल , पेट्रोल आदि को अलग किया जाता है ।

Note— किसी मिश्रण के पदार्थों को अलग करने के लिए एक से ज्यादा विधियों का प्रयोग किया जा सकता है , जैसे – नमक और रेत के मिश्रण को अलग करने के लिए निम्न विधियाँ अपनाई जाती हैं :

  • मिश्रण में जल मिलाया जाता है ।
  • अवसादन और निस्तारण किया जाता है , जिससे रेत और नमक वाला जल अलग हो जाता है ।
  • निस्यंदन किया जाता है , जिससे नमक वाले जल में बचा हुआ रेत अलग हो जाता है ।
  • वाष्पीकरण , निस्पंदित जल को गर्म किया जाता है , जिससे जल भाप बन कर उड़ जाता है और नमक बच जाता है ।

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है कि इस लेख में दी गई सभी जानकारी जैसे — पृथक्करण क्या है? परिभाषा, पृथक्करण की विधि! ( Prthakkaran Kya Hai ) आदि प्रश्नों के उत्तर अच्छी तरह समझ गए होंगे । अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं. [धन्यवाद]

Read More—