प्रकाश का अपवर्तन? ( Refraction of light )
प्रकाश का अपवर्तन : जब प्रकाश की किरणें एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में जाती हैं तो वे अपनी मूल दिशा से भटक जाती हैं , इस प्रक्रिया को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं ।
प्रकाश कि किरणों का अपनी मूल दिशा से विचलन 2 प्रकार से होता है :
• जब प्रकाश की किरणें विरल माध्यम ( हवा ) से सघन माध्यम ( पानी या काँच ) में प्रवेश करती हैं तो वे अपनी मूल दिशा से अन्दर की तरफ मुड़ जाती हैं ।
• जब प्रकाश कि किरणें सघन माध्यम ( पानी , काँच ) से विरल माध्यम ( हवा ) में प्रवेश करती हैं , तब वे अपनी मूल दिशा से बाहर की तरफ मुड़ जाती हैं । इस प्रक्रिया को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते हैं ।
( i ). प्रकाश के अपवर्तन के कारण होने वाली घटनाएँ :
• रात में तारों का टिमटिमाना ।
• पानी / द्रव में आंशिक रूप से डूबी हई सीधी छड़ टेढ़ी दिखाई देती है ।
• पानी में डूबा हुआ सिक्का ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है ।
( ii ). पूर्ण आन्तरिक परार्वतन के कारण होने वाली घटनाएँ :
• रेगिस्तान में मरीचिका ( ऐसा लगना कि उस स्थल पर पानी है ) का दिखाई देना ।
• काँच के चटके हुए भाग का चमकीला दिखाई देना ।
• हीरे का चमकना ।
वर्ण विक्षेपण ( Character deflection )
सूर्य के प्रकाश ( श्वेत प्रकाश ) का सात रंगों में विभाजन वर्ण विक्षेपण कहलाता है । जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म से गुजरता है तो वह निम्नलिखित 7 रंगों में विभाजित हो जाता है, जिसको एक शब्द में VIBGYOR कहते हैं ।
VIBGYOR = |
V = Violet — बैंगनी |
इन्द्रधनुष ( Rainbow )
बारिश के बाद जब सूर्य की किरणें आसमान में मौजूद पानी की बूंदों में से गुजरती हैं तब उनका वर्ण विक्षेपण होता है और सात रंगों ( VIBGYOR ) वाले इन्द्रधनुष का निर्माण होता है । इन्द्रधनुष तभी दिखाई देता है जब मनुष्य की पीठ सूर्य की तरफ हो ।
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