इस लेख में आपको व्यंजन किसे कहते है? परिभाषा और प्रकार सहित पूरी जानकारी दी गई है । तो इसे अच्छा से समझने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें । तो चलिए आगे जानते हैं कि, व्यंजन क्या है?
हिंदी भाषा में कुल 44 वर्ण हैं जिसे दो भागों में बांटा गया है — ( 1 ). स्वर ( Vowels ) , ( 2 ). व्यंजन ( Consonants ) ।
इस लेख में आपको केवल व्यंजन ( Consonants ) के बारे में पूरी जानकारी दी गई है परिभाषा और प्रकार सहित ।
विषय सूची
वर्णमाला ( Alphabets )
टेबल चार्ट में दिया गया है ;
स्वर ( Vowels )
अ | आ | इ | ई | उ | ऊ | ऋ | ए | ऐ | ओ | औ |
कोई नहीं | ा | ि | ी | ु | ू | ृ | े | ेे | ो | ौ |
व्यंजन ( Consonants )
क – वर्ग | क | ख | ग | घ | ङ |
च – वर्ग | च | छ | ज | झ | ञ |
ट – वर्ग | ट | ठ | ड | ढ़ | ण |
त – वर्ग | त | थ | द | ध | न |
प – वर्ग | प | फ | ब | भ | म |
अंतस्थ | य | र | ल | व | |
ऊष्म | श | ष | स | ह |
व्यंजन किसे कहते है? परिभाषा, प्रकार! ( What is a consonant )
परिभाषा ( Definition ) — व्यंजन वह ध्वनियाँ हैं जिसका मुक्त उच्चारण करना मुमकिन नहीं है इसके लिए स्वरों की मदद लेनी ही पड़ती है । या ,
जो स्वरों ( Vowels ) की सहायता से ध्वनियों का उच्चारण किया जाता है उसे व्यंजन ( consonant ) कहते हैं ।
जैसे कि — स्वर ( Vowels ) – अ , आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ , ऋ ।
व्यंजन के प्रकार ( Types of Vowels )
उच्चारण प्रयत्न के आधार पर मतलब है कि, स्वर तंत्री में श्वास का कंपन , श्वास ( प्राण ) की मात्रा और जिह्वा या अन्य अवयवों द्वारा श्वास के अवरोध की प्रक्रिया ।
( क ) . स्वरतंत्री में श्वास का कंपन या घोषत्व के आधार पर ;
इसके आधार पर दो भेद हैं — ( 1 ). अघोष , ( 2 ). सघोष ।
( 1 ). अघोष व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिस ध्वनियों के बोलने में स्वर तंत्रियों में कम्पन नहीं होता है उसे अघोष व्यंजन कहते हैं । जैसे कि — सभी वर्गों के पहले और दूसरे व्यंजन ( क , ख , च , छ , ट , ठ , त , थ , प , फ ) तथा श ष स और फ आदि ।
( 2 ). सघोष व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिस ध्वनियों के बोलने में स्वर तंत्रियों में कम्पन होता है उसे सघोष व्यंजन कहते हैं । जैसे कि — सभी वर्गों के तीसरे , चौथे और पाँचवें वर्ण , ड़ , ढ़ , ज़ , य , र , ल , व , ह आदि ।
( ख ). श्वास या प्राण की मात्रा के आधार पर ;
इस आधार पर दो भेद हैं — ( 1 ). अल्पप्राण , ( 2 ). महाप्राण ।
( 1 ). अल्पप्राण व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिस ध्वनियों के बोलने में सांस की मात्रा कम निकलती है उसे अल्पप्राण व्यंजन कहते हैं । जैसे कि — सभी वर्गों के पहले , तीसरे और पाँचवें वर्ण तथा ड़ , य , र , ल , व आदि ।
( 2 ). महाप्राण व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिस ध्वनियों के बोलने में सांस की मात्रा अधिक निकलती है उसे महाप्राण व्यंजन कहते है । जैसे — सभी वर्गों के दूसरे और चौथे वर्ण तथा श , ष , स , ह आदि ।
( ग ). जिह्वा या दूसरे अवयवों द्वारा श्वास का अवरोध के आधार पर ;
इस आधार पर तीन भाग है — ( 1 ). स्पर्श व्यंजन , ( 2 ). अंतस्थ व्यंजन , ( 3 ). ऊष्म व्यंजन ।
( 1 ). स्पर्श व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिस व्यंजनों के बोलने में एक उच्चारण अवयव ( जिभ या होठ ) दूसरे उच्चारण अवयव को छूता है उसे स्पर्श व्यंजन कहते हैं । जैसे कि — य और व को अर्ध स्वर ‘ इ ‘ को तथा सभी वर्गों के वर्णों ( क से म तक ) को स्थान दिया जाता है ।
( 2 ). अंतस्थ व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिस व्यंजनों के बोलने में श्वास का रुकावट कम होता है उसे अंतस्थ व्यंजन कहते हैं । जैसे कि — य , र , ल , व । ‘ ल ‘ को पार्श्विक व्यंजन भी कहते है ।
( 3 ). ऊष्म व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिस व्यंजनों के बोलने में घर्षण के साथ गर्म हवा निकलती है उसे ऊष्म व्यंजन कहते हैं । जैसे कि — श , ष , स , ह आदि ।
संघर्ष व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिस व्यंजनों के बोलने में वायु विशेष स्थान से घर्षण करते हुए निकलती है उसे संघर्ष व्यंजन कहते हैं । जैसे कि — ज , फ आदि ।
उत्क्षिप्त व्यंजन
परिभाषा ( Definition ) — जिस व्यंजनों के बोलने के समय जीभ पहले ऊपर उठकर मूर्धा को छूती है और फिर एकदम से नीचे गिरती है उसे उत्क्षिप्त व्यंजन कहते हैं । जैसे कि — ड़ , ढ़ आदि ।
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