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खनिज लवण किसे कहते हैं? ( Khanij Lavan Kise Kahate Hain )

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खनिज लवण किसे कहते हैं? ( What is Mineral Salt Called )

सामान्य परिचय ( General Introduction ) :— हमारे शरीर में अल्प मात्रा में लगभग 20 प्रकार के खनिज लवण , मुख्यतः आयनों के रूप में होते हैं । ये शरीर के कुल भार का लगभग 4 से 5 % अंश बनाते हैं । इन्हें भोजन से ही प्राप्त किया जाता है । यद्यपि इनकी अल्प मात्रा की ही शरीर में खपत होती है , लेकिन इनके बिना शरीर की सुचारु क्रियाशीलता को बनाए रखना असम्भव होता है । इसीलिए इन्हें अल्पपोषक ( micronutrients ) कहते हैं ।

इनके खनिज तत्वों को दो श्रेणियों में बाँटा जाता है ;

( 1 ). लघु तत्व ( minor elements ) :— जिनकी अपेक्षाकृत कुछ अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है , जैसे— Ca , P , S आदि
( 2 ). अल्प तत्व ( trace elements ) :— जिनकी बहुत ही कम मात्रा में आवश्यकता होती है , जैसे— Cu , Mn , Co आदि ।

हमारे शरीर में खनिज लवणों का महत्त्व ( Importance of Minerals in Our Body )

हमारे शरीर में खनिज लवणों के महत्त्व निम्नलिखित हैं ;

( 1 ). कुछ खनिज आयन कोशिकाद्रव्य तथा कोशिकाकला में विद्युत् – रासायनिक चालकता उत्पन्न करके उत्तेजनशीलता ( irritability ) तथा प्रतिक्रियाशीलता ( reactivity ) का संचालन करते हैं ।
( 2 ). कुछ खनिज आयन उपापचयी अभिक्रियाओं में अणुओं को जोड़ने वाले बन्धों का काम करते हैं ।
( 3 ). कुछ खनिज लवण , जैसे कि कैल्सियम फॉस्फेट , अस्थियों और दाँतों के प्रमुख घटक होते हैं ।
( 4 ). कुछ खनिज तत्व हृदय – स्पंदन , पेशी संकुचन , रुधिर – जामन आदि के लिए आवश्यक होते हैं ।
( 5 ). कुछ खनिज लवण कोशिकाकला की पारगम्यता ( permeability ) को प्रभावित करते हैं ।
( 6 ). कुछ खनिज तत्व किन्हीं एन्जाइमों के सहघटकों ( cofactors or prosthetic groups ) का काम करते हैं ।
( 7 ). कुछ खनिज लवण शरीर के तरल अन्तःवातावरण में उपयुक्त परासरणीय सान्द्रण , pH तथा रुधिरदाब आदि का नियमन करते हैं । यही कारण है कि उच्च रुधिरदाब के रोगियों को डॉक्टर अधिक नमक खाने से मना करते हैं ।

प्रमुख खनिज तत्व, स्रोत, कार्य, कमी से प्रभाव? ( Major mineral elements, sources, functions, effects of deficiency )

प्रमुख खनिज तत्वों , इनके स्रोतों , कार्यों तथा कमी के प्रभावों का विवरण तालिका में दिया गया है ;

प्रमुख खनिज तत्व, स्रोत, कार्य, कमी से प्रभाव
खनिज तत्व प्रतिदिन की आवश्यक मात्रा और स्रोत
mg = मिलिग्राम
µm = माइक्रोग्राम  
महत्त्व कमी के प्रभाव
लघु तत्त्व ( Minor elements )
कैल्सियम ( Calcium – Ca ) 800 mg ; दूध , पनीर , हरी सब्जियाँ , फलियाँ , अनाज , अण्डे , मछली । दाँतों और हड्डियों की रचना , रुधिर – स्कन्दन , तन्त्रिकाओं एवं पेशियों के कार्य । दाँत ब हड्डियाँ दुर्बल , शरीर की वृद्धि  कुंठित ; टिटैनी ।
मैग्नीशियम ( Magnesium – Mg ) 3.5 mg ; अनाज , दूध , मछली , मांस , हरी सब्जियाँ । दाँतों और हड्डियों की रचना , ग्लाइकोलाइसिस के तथा ATP पर आश्रित कई उपापचयी अभिक्रियाओं के एन्जाइमों का सहघटक तन्त्रिका तन्त्र की कार्यिकी ।

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