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मानसिक विकास कैसे होता है? ( Maanasik vikaas kaise hota hai )

इस लेख में मानसिक विकास ( Mental development ) विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – मानसिक विकास ( Maanasik vikaas kaise hota hai )शैशवावस्था , बाल्यावस्था , किशोरावस्था आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “

मानसिक विकास होता है? ( How is mental development )

शैशवावस्था में मानसिक विकास ( Mental development in Infancy )

शैशवावस्था में मानसिक विकास का मुख्य साधन ज्ञानेंद्रियों ( senses ) की क्षमता एवं गुणवत्ता का विकास होता है । मानसिक विकास में भाषा , स्मृति , तर्क , चिंतन , कल्पना , निर्णय जैसी योग्यताओं को शामिल किया जाता है । 

( 1 ). शिशु के जन्म से अगले प्रथम 5 माह तक 

शिशु के जन्म से लेकर प्रथम 5 माह में शिशु क्रमश : रोना , हाथ पैर मारना , जोर से आवाज करना , ध्वनि के प्रति आकर्षित होना , वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करना , माँ को देखकर मुस्कुराना , वस्तुओं को पकड़ना आदि करने लगता है ।

( 2 ). प्रथम 5 महीने से अगले प्रथम 10 माह तक 

जन्म के पहले 5 महीने से लेकर अगले प्रथम 10 माह के विकास की अवधी तक की अवस्था में शिशु मुँह से नाम बोलना , गेंद फेंकना , ढक्कन खोलना , ताली बजाना , आस – पास के वातावरण को पहचानना , वस्तुओं को छूना , तोड़ – फोड़ करना , चलने का प्रयास आदि कार्य करने लगता है । 

( 3 ). शिशु के 2-3 वर्ष होने तक 

शिशु 2-3 वर्ष की अवस्था होने पर शिशु , वाक्यों की रचना करना , वस्तुओं के नाम बताना , सरलता से चलना तथा अपनी जरूरतें बताना आदि कार्य करने लगता है । 

बाल्यावस्था में मानसिक विकास ( Mental development in Childhood )

बाल्यावास्था में बालक के शारीरिक विकास के साथ साथ उसकी मानसिक आयु भी बढ़ जाती है । तथा उसकी मानसिक क्रियाओं में परिपक्वता भी दिखाई पड़ती है । 

( 1 ). बालक 3-6 वर्ष के होने तक

अगले 3-6 वर्ष में बालक की बुद्धि एवं मानसिक शक्तियों ( mental strenght ) का विकास हो जाता है । वह अर्थपूर्ण प्रश्नों का सही उत्तर देने लगता है । उसमें याद रखने और कल्पना करने की शक्ति का लगभग विकास हो जाता है । तथा भाषा का सही ढंग से प्रयोग करने लगता है । 

( 2 ). बालक 7 वर्ष की अवस्था तक 

बालक 7 वर्ष की अवस्था तक छोटे – छोटे वाक्यों का उल्लेख करने लगता है । और कठिन और सामान्य वाक्यों का विश्लेषण करने लगता है । 

( 3 ). बालक 8 वर्ष का होने तक 

बालक 8 वर्ष का होने पर 16 शब्दों वाले वाक्य को बोल लेता है । और उसमें छोटी कहानियों तथा कविताओं को सही ढंग से दोहराने की योग्यता पैदा हो जाती है । 

( 4 ). बालक 9 वर्ष का होने तक 

बालक 9 वर्ष का होने पर 4 अंकों की संख्याओं को उल्टे क्रम में दोहरा लेता है । और रुपये – पैसे गिनना , जोड़ना , घटाना , दिन , तारीख , महीना , वर्ष आदि बता देता है । 

( 5 ). बालक 10 वर्ष की होने तक 

बालक 10 वर्ष की आयु तक गति से बोलना , तर्क करना , चिंतन करना आदि सीख लेता है । 

( 6 ). बालक 11-12 वर्ष के अंत तक 

बालक 11-12 वर्ष के अंत तक कठिन शब्दों की व्याख्या करने लगता है । और तुलनात्मक ( comparative ) अध्ययन करना सीख लेता है । और बालक में तर्क , जिज्ञासा , निरीक्षण और समस्या समाधान करने की क्षमता का पूर्ण विकास हो जाता है । 

( 7 ). बालक के बाल्यावस्था पूरा होने तक 

बालक बाल्यावस्था के पूर्ण होते – होते बालक अपने वातावरण की वास्तविकताओं को समझने लगता है । और उसमें आत्मविश्वास का विकास हो जाता है ।

किशोरावस्था में मानसिक विकास ( Mental development in Adolescence )

किशोरावस्था में मानसिक विकास अपनी अधिकतम सीमा तक हो जाता है । इस अवस्था में होने वाले मानसिक विकास को निम्नलिखित रूप में वर्णित किया जा सकता है ।

( 1 ). बुद्धि का अधिकतम विकास 

किशोरावस्था में किशोरों का मानसिक विकास अपनी उच्चतम सीमा को छू लेता है । इस अवस्था में बालक – बालिकाओं को ध्यान व स्मरण शक्ति में स्थायित्व आने लगता है । अर्थात् इस अवस्था में बुद्धि का विकास पूर्ण हो जाता है । 

( 2 ). मानसिक स्वतंत्रता का विकास 

इस अवस्था में बालक दूसरों का हस्तक्षेप नहीं सह पाता है । वह अधिक – से – अधिक स्वतंत्र रहना चाहता है वह हर वस्तु , व्यक्ति , क्रिया जो उसे सुख देती है , उसके साथ अंत : क्रिया करने की पराकाष्ठा के सपने में हमेशा डूबा रहता है । 

( 3 ). उच्चतर मानसिक शक्तियों का विकास 

किशोरावस्था में शब्द भंडार अधिक बढ़ जाता है और चिंतन , तर्क एवं कल्पना शक्ति ( imaginations ) के साथ निर्णय लेने तथा समस्या निराकरण करने की योग्यता शक्ति का पर्याप्त विकास हो जाता है ।

( 4 ). रुचियों की विविधता 

किशोरावस्था में रुचियों का विकास बहुत तीव्रता से होता है । बालक – बालिकाओं में कुछ रुचियाँ समान होती ही शारीरिक स्वास्थ्य , प्रदर्शन , आकर्षक व्यक्तित्व , पौष्टिक भोजन , वेश – भूषा , पढ़ाई – लिखाई , भाषायी – रोजगार , चलचित्र , दूरदर्शन , कंप्यूटर , इंटरनेट , साहित्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रति किशोर – किशोरियों की विशेष रुचि होती है ।

तो दोस्तों आशा करता हूँ की इस लेख में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — मानसिक विकास होता है? ( How is mental development )शैशवावस्था , बाल्यावस्था , किशोरावस्था आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें हमें आपकी मदद करने में बहुत ख़ुशी होगी । , धन्यवाद्…

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