प्राचीन भारत का इतिहास? ( History of Ancient India )
प्राचीन भारत का इतिहास :— भारत एक विशाल प्रायद्वीप ( Vast Peninsula ) है , जो तीनों दिशाओं में समुद्र से घिरा है । भारत को इन नामों से भी जाना जाता है । जैसे कि , आर्यावर्त , ब्रह्मावर्त , हिन्दुस्तान तथा इण्डिया आदि । प्राचीन भूगोलशास्त्रियों ने इसकी स्थिति के लिए ‘ चतुःस्थानसंस्थितम् ‘ शब्द का प्रयोग किया था । भारत की मूलभूत एकता के लिए ‘ भारतवर्ष ‘ नाम सबसे पहले पाणिनी की अष्टाध्यायी में आया है । देश का भारत नामकरण ऋग्वैदिक काल के प्रमुख जन ‘ भरत ‘ के नाम पर किया गया है । यूनानियों ने भारतवर्ष के लिए ‘ इण्डिया ( India ) ‘ शब्द का प्रयोग किया , जबकि मध्यकालीन लेखकों ने इस देश को ‘ हिन्द ‘ या ‘ हिन्दुस्तान ‘ नाम से सम्बोधित किया ।
इतिहास ( History )
भारत का इतिहास हजारों साल पुरानी है । आज से लगभग 65,000 साल पहले , आधुनिक मानव , या होमो सेपियन्स , अफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में पहुँचे थे , जहाँ वे पहले विकसित हुए थे । सबसे पुराना ज्ञात आधुनिक मानव ( Modern Man ) आज से लगभग 30,000 वर्ष पहले दक्षिण एशिया में रहता है । 6500 ईसा पूर्व के बाद , खाद्य फसलों और जानवरों के वर्चस्व ( Domination ) के लिए सबूत , स्थायी संरचनाओं का निर्माण और कृषि अधिशेष का भण्डारण मेहरगढ़ और बलूचिस्तान के अन्य स्थलों में दिखाई दिया और ये धीरे-धीरे सिंधु घाटी सभ्यता में विकसित हुए । दक्षिण एशिया में सबसे पहले शहरी संस्कृति जो अब पाकिस्तान और पश्चिमी भारत में 2500-1900 ईसा पूर्व के दौरान पनपी ( Flourished ) । मेहरगढ़ पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है जहां नवपाषाण युग ( Neolithic Age ) ( 7000 ईसा-पूर्व से 2500 ईसा पूर्व ) के बहुत से अवशेष मिले हैं ।
सिन्धु सभ्यता का शुरुआतिक काल लगभग 3300 ईसा पूर्व का माना गया है । सिन्धु घाटी सभ्यता , प्राचीन मिस्र और सुमेर सभ्यता के साथ विश्व की प्राचीन सभ्यताओ ( Oldest Civilization ) में से एक हैं । इस सभ्यता की लिपि अब तक सफलत – पूर्वक पढ़ी नहीं जा सकी है । सिन्धु घाटी सभ्यता आज के पाकिस्तान और उससे सटे भारतीय प्रदेशों में फैली थी । पुरातात्विक प्रमाणों के आधार पर 1900 ईसा पूर्व के आस-पास इस सभ्यता का आकस्मिक पतन हो गया था । 19वीं शताब्दी के बाद विद्वानों के प्रचलित दृष्टिकोणों के अनुसार आर्यों का एक वर्ग भारतीय उप महाद्वीप की सीमाओं पर 2000 ईसा पूर्व के आसपास पहुंचा और यहीं बस गया और यहीं पर ऋग्वेद की रचना की गई । आर्यों द्वारा उत्तर और मध्य भारत में एक विकसित सभ्यता का निर्माण किया गया , जिसे वैदिक सभ्यता ( Vedic Civilization ) कहते हैं ।
प्राचीन भारत के इतिहास में वैदिक सभ्यता सबसे पुरानी सभ्यता है जिसका सम्बन्ध आर्यों के आने से है । इसका नामकरण आर्यों के प्रारम्भिक साहित्यिक वेदों के नाम पर किया गया है । आर्यों की भाषा संस्कृत थी । और इनका धर्म ” वैदिक धर्म “ या ” सनातन धर्म “ के नाम से प्रसिद्ध था , बाद में विदेशी आक्रान्ताओं द्वारा इस धर्म का नाम ” हिन्दू ( Hindu) “ पड़ा । वैदिक सभ्यता सरस्वती नदी के तटीय क्षेत्र जिसमें आधुनिक भारत के पंजाब ( भारत ) और हरियाणा राज्य आते हैं , में विकसित हुई । आम तौर पर अधिकतर विद्वान वैदिक सभ्यता का काल 2000 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व के बीच में मानते है , लेकिन नए पुरातत्वों के टीम के द्वारा खुदाई में मिले अवशेषों में वैदिक सभ्यता से सम्बन्धित कई अवशेष मिले है । जिससे कुछ आधुनिक विद्वान यह मानने लगे हैं कि वैदिक सभ्यता भारत में ही शुरु हुई थी और आर्य भारतीय मूल के ही थे और ऋग्वेद का रचना काल 3000 ईसा पूर्व रहा होगा । क्योंकि ,
आर्यों के भारत में आने का ना ही कोई पुरातत्त्व उत्खननों पर अधारित साक्ष्य मिला है और न ही DNA अनुसन्धानों से कोई प्रमाण मिला है । हाल ही में ” भारतीय पुरातत्व परिषद् ( Archaeological Council of India ) “ द्वारा की गयी सरस्वती नदी की खोज से वैदिक सभ्यता , हड़प्पा सभ्यता और आर्यों के बारे में एक नया दृष्टिकोण सामने आया है । हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु-सरस्वती सभ्यता ( Indus-Saraswati Civilization ) नाम दिया है । क्योंकि हड़प्पा सभ्यता की 2600 बस्तियों में से वर्तमान पाकिस्तान में सिन्धु तट पर मात्र 265 बस्तियां थीं । जबकि शेष अधिकांश बस्तियां सरस्वती नदी के तट पर मिलती हैं , सरस्वती नदी एक विशाल नदी थी । पहाड़ों को तोड़ती हुई निकलती थी और मैदानों से होती हुई समुद्र में जाकर विलीन हो जाती थी । इसका वर्णन ऋग्वेद में बार-बार आता है , यह आज से 4000 साल पहले भूगर्भी बदलाव की कारण सूख गयी थी ।
ईसा पूर्व 7वीं और शुरूआती 6वीं शताब्दि सदी में ‘ जैन ‘ और ‘ बौद्ध धर्म ‘ सम्प्रदाय लोकप्रिय हुए । अशोक ( ईसापूर्व 265-241 ) इस काल का एक महत्वपूर्ण राजा था , जिसका साम्राज्य अफगानिस्तान से मणिपुर तक और तक्षशिला से कर्नाटक तक फैला था । लेकिन वो सम्पूर्ण दक्षिण तक नहीं जा सका , दक्षिण में चोल सबसे शक्तिशाली निकले । संगम साहित्य की शुरुआत भी दक्षिण में इसी समय हुई । भगवान गौतम बुद्ध के जीवनकाल में ईसा पूर्व 7वीं और शुरूआती 6वीं शताब्दी के दौरान 16 बड़ी शक्तियाँ ( महाजनपद ) विद्यमान थे । अति महत्वपूर्ण गणराज्यों में कपिलवस्तु के शाक्य और वैशाली के लिच्छवी गणराज्य थे । गणराज्यों के अलावा राजतन्त्रीय राज्य भी थे , जिनमें से कौशाम्बी ( वत्स ) , मगध , कोशल , कुरु , पान्चाल , चेदि और अवन्ति महत्वपूर्ण थे । इन राज्यों का शासन ऐसे शक्तिशाली व्यक्तियों के पास था । जिन्होंने राज्य विस्तार और पड़ोसी राज्यों को अपने में मिलाने की नीति अपना रखी थी । लेकिन राजाओं के अधीन राज्यों का विस्तार हो रहा था । इसके बाद भारत छोटे-छोटे साम्राज्यों में बंट गया ।
8वीं सदी में सिन्ध पर अरबों का अधिकार हो गया । यह इस्लाम का प्रवेश माना जाता है । 12वीं सदी के अन्त तक दिल्ली की गद्दी पर तुर्क दासों का शासन आ गया जिन्होंने अगले कई सालों तक राज किया । दक्षिण में हिन्दू विजयनगर और गोलकुण्डा के राज्य थे । 1556 में विजय नगर का पतन हो गया। सन् 1526 में मध्य एशिया से निर्वासित राजकुमार बाबर ने काबुल में जाकर शरण ली और भारत पर आक्रमण किया । उसने मुगल वंश की स्थापना की जो अगले 300 वर्षों तक चला । इसी समय दक्षिण-पूर्वी तट से पुर्तगाल का समुद्री व्यापार शुरु हो गया था । बाबर का पोता अकबर ” धार्मिक सहिष्णुता ( Religious Tolerance ) “ के लिए प्रसिद्ध हुआ । उसने हिन्दुओं पर से जजिया कर हटा लिया । 1659 में औरंगज़ेब ने इसे फिर से लागू कर दिया ।
औरंगजेब ने कश्मीर में और अन्य स्थानों पर हिन्दुओं को मुसलमान बनवाया । उसी समय केन्द्रीय और दक्षिण भारत में शिवाजी के नेतृत्व में मराठे शक्तिशाली हो रहे थे । औरंगज़ेब ने दक्षिण की ओर ध्यान लगाया तो उत्तर में सिखों का उदय ( Rise of Sikhs ) हो गया । औरंगजेब के मरते ही 1707 में मुगल साम्राज्य बिखर गया । अंग्रेज़ों ने डचों , पुर्तगालियों तथा फ्रांसिसियों को भगाकर भारत पर व्यापार का अधिकार सुनिश्चित किया और 1857 के एक विद्रोह को कुचलने के बाद सत्ता पर काबिज हो गए । भारत को आज़ादी 1947 में मिली जिसमें महात्मा गांधी के अहिंसा आधारित आन्दोलन का योगदान महत्वपूर्ण था । 1947 के बाद से भारत में गणतान्त्रिक शासन लागू है । आज़ादी के समय ही भारत ( India ) का विभाजन हुआ जिससे पाकिस्तान का जन्म ( Birth of Pakistan ) हुआ , और दोनों देशों में कश्मीर सहित अन्य मुद्दों पर वर्तमान में तनाव बना हुआ है ।
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