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बाल्यावस्था में मानसिक विकास (Baalyaavastha mein maanasik vikaas)

बाल्यावस्था में मानसिक विकास ( Mental Development in Childhood )

बाल्यावास्था में मानसिक विकास बालक के शारीरिक विकास के साथ उसकी मानसिक आयु भी बढ़ जाती है तथा उसकी मानसिक क्रियाओं में परिपक्वता भी दिखाई पड़ती है । 6 वर्ष में बालक की बुद्धि एवं मानसिक शक्तियों का पर्याप्त विकास हो जाता है । वह सार्थक प्रश्नों का सही उत्तर देने लगता है । उसमें स्मरण व कल्पना शक्ति का पर्याप्त विकास हो जाता है तथा भाषा का सही प्रकार से प्रयोग करने लगता है ।

7 वर्ष की अवस्था तक बालक छोटे – छोटे वाक्यों का वर्णन करने लगता है एवं जटिल और सामान्य वाक्यों का विश्लेषण करने लगता है । 8 वर्ष का होने पर 16 शब्दों वाले वाक्य को बोल लेता है और उसमें छोटी कहानियों तथा कविताओं को अच्छी प्रकार से दोहराने की योग्यता पैदा हो जाती है ।

9 वर्ष का होने पर चार अंकों की संख्याओं को उल्टे क्रम में दोहरा लेता है , रुपये – पैसे गिनना , जोड़ना , घटाना , दिन , तारीख , महीना , वर्ष आदि बता देता है । 10 वर्ष की आयु तक गति से बोलना , तर्क करना , चिंतन करना आदि सीख लेता है ।

11वें वर्ष एवं 12वें वर्ष के अंत तक बालक कठिन शब्दों की व्याख्या करने लगता है , तुलनात्मक अध्ययन करना सीख लेता है , तर्क , जिज्ञासा एवं निरीक्षण करने की क्षमता का पर्याप्त विकास हो जाता है एवं समस्या समाधान करने की योग्यता का भी पर्याप्त विकास हो जाता है ।

इस अवस्था के पूर्ण होते – होते बालक अपने वातावरण की वास्तविकताओं को समझने लगता है और उसमें आत्मविश्वास का विकास हो जाता है ।

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