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शारीरिक विकास कैसे होता है? ( Shaareerik vikaas kaise hota hai )

इस लेख में शारीरिक विकास ( Physical development ) बिषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – शारीरिक विकास कैसे होता है? ( Shaareerik vikaas kaise hota hai ) , शैशवावस्था में , बाल्यावस्था में  , किशोरावस्था में आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “। 

विषय सूची

शैशवावस्था में शारीरिक विकास ( Infancy in Physical development )

शारीरिक विकास की दृष्टि से शैशवावस्था एक महत्त्वपूर्ण अवस्था है । शिशु का शारीरिक विकास शिशु के जन्म से पहले यानि गर्भावस्था में ही शुरू हो जाता है । यहां पर शारीरिक विकास का मतलब शरीर के अंगों में वृद्धि , उनकी परिपक्वता और क्रियाशीलता से है । 

शारीरिक विकास

शैशवावस्था में शारीरिक विकास निम्नलिखित रूपों में होता है । 

( 1 ). आकार एवं भार में वृद्धि ( Increase in shape and weight )

शैशवावस्था की संपूर्ण अवधि में बालक की लंबाई बालिका की लंबाई से अधिक रहती है । जन्म के समय शिशु की लंबाई सामान्यतः 51 cm होती है । जो 6 वर्ष के अंत तक 108 cm तक हो जाती है । 

जन्म के समय शिशु का भार 2-3 kg तक होता है । और जन्म के छ: माहिने बाद शिशु का वजन 2 गुना यानि 6-7 kg हो जाता है । और एक वर्ष के अंत तक शिशु का वजन 3 गुना यानि 9-10 kg हो जाता है । और शैशवावस्था के अंत तक यह भार 5-6 गुना यानि 15-18 kg तक हो जाता है । 

( 2 ). मांसपेशियों और हड्डियाँ में वृद्धि ( Increas in muscles and bones ) 

नवजात शिशु के मांसपेशियों के भार में भी धीरे – धीरे आयु के साथ वृद्धि होती है । शिशु की बांहों एवं भागों का विकास भी इस अवस्था में तेज गति से होता है । पहले 2 वर्षों में भुजाएँ 2 गुनी तथा टांगें डेढ़ गुनी हो जाती हैं । और मांसपेशियाँ बहुत मजबूत हो जाती हैं । शिशु के हृदय की धड़कन अनियमित होता है । लेकिन उम्र बढ़ने के साथ धड़कन में स्थिरता आ जाती है । 

( 3 ). मस्तिष्क में वृद्धि ( Increase in brain )

नवजात शिशु का सिर उसके शरीर की तुलना में बड़ा होता है । शिशु के शरीर की लंबाई उसके पूरे शरीर की लंबाई के एक – चौथाई होती है । पहले 2 वर्षों में सिर की लंबाई और उसके आकार में तेज गति से वृद्धि होती है । लेकिन बाद में यह गति धीमी हो जाती है । और शैशवावस्था के अंत तक शिशु के मस्तिष्क का भार 1 kg 250 gram हो जाती है । 

( 4 ). पाचन तंत्र में वृद्धि ( Increase in digestive system )

अमाशय का ‘ आयतन ‘ और आँतों की ‘ पाचन शक्ति ‘ आयु के साथ बढ़ती है , जैसे – जैसे बच्चा ठोस भोजन लेने लगता है । वैसे – वैसे उसका पाचन तंत्र मजबूत होने लगता है । 3 वर्ष की आयु तक शिशु के शरीर और मस्तिष्क में संतुलन होने लगता है । उसके शरीर के सभी अंग सही ढंग से कार्य करने लगते हैं । और शैशवावस्था के अंत तक शिशु शारीरिक रूप से स्वतंत्रता और कुशलता प्राप्त कर लेते हैं ।

बाल्यावस्था में शारीरिक विकास ( Childhood in Physical development )

शारीरिक विकास

बाल्यावस्था में शारीरिक विकास निम्नलिखित रूपों में होता है

( 1 ). आकार एवं भार में वृद्धि ( Increase in size and weight )

इस अवस्था में शारीरिक विकास की गति धीमी होती है । इस अवस्था में बालक मुख्यतः 10-12 इंच तक ही बढ़ता है और उसका भार शैशवावस्था से लगभग 2 गुणा हो जाता है । इस अवस्था में लड़कों की तुलना में लड़कियों की लंबाई और वजन तेज गति से बढ़ती है । और वे लड़कों से लंबाई में लंबी और वजन में भारी हो जाती है । 

( 2 ). हड्डियों में वृद्धि ( Bones growth )

बाल्यावस्था में बालक की हड्डियों की मजबूती में वृद्धि होती है । कुछ हड्डियों की संख्या में भी वृद्धि होती है । इस अवस्था में बालक की हड्डियों का लचीलापन कम होने लगता है और उनमें कड़ापन आने लगता है । 

( 3 ). मस्तिष्क में वृद्धि ( Brain growth )

बाल्यावस्था में सिर के आकार में धीरे – धीरे परिवर्तन होने लगता है । 10 वर्ष की अवस्था में बालक के मस्तिष्क का भार पूरे शरीर के भार का 1/10 हो जाता है तथा इस अवस्था में आकार एवं भार की दृष्टि से मस्तिष्क का पूरा विकास हो जाता है । लेकिन क्रियाशीलता बढ़ती रहती है तथा परिपक्वता बाद में आती है । 

( 4 ). दाँत में वृद्धि ( Teeth growth )

बालक के अस्थायी दाँत लगभग 6 वर्ष की आयु पर गिरने लगते हैं । और उसके स्थान पर स्थायी दाँत आने लगते हैं । 12-13 वर्ष की आयु तक के बालक के लगभग 28 दाँत निकल आते हैं । बालिकाओं के स्थायी दाँत बालकों की तुलना में कुछ जल्दी निकलते हैं । स्थायी दाँत निकलने से बालक की मुख के आकृति में परिवर्तन आने लगता है । बाल्यावास्था में मांसपेशियां और अन्य अंगो का विकास धीरे – धीरे होने लगता है । उनमें दृढ़ता आने लगती है तथा इन पर बालक पूर्ण नियंत्रण करने लगता है ।

बल्यावस्था में बालक के सभी अंगों का विकास हो जाता है । जिसके कारण वह इन पर नियंत्रण भी करने में समर्थ हो जाता है । साथ ही इस अवस्था में लड़के और लड़कियों के यौन अंगों का विकास तेजी से होता है । और हृदय की धड़कन भी इस अवस्था तक सामान्य होने लगती है ।

किशोरावस्था में शारीरिक विकास ( Adolesence in Physical development )

शारीरिक विकास

किशोरावस्था में शारीरिक विकास निम्नलिखित रूपों में होता है ।

( 1 ). लंबाई एवं भार में वृद्धि ( Increase in lenght and weight )

इस अवस्था में लड़के और लड़कियों की लंबाई तेज गति से बढ़ती है । लड़कों की लंबाई 18 वर्ष की अवस्था के बाद भी बढ़ती है । जबकि लड़कियों की लंबाई 16 वर्ष की अवस्था तक पूरी हो जाती है । लड़कियों की लंबाई लड़कों के लंबाई से कम होती है । इस अवस्था में लड़कों का भार लड़कियों की तुलना में तेजी से बढ़ता है । किशोरावस्था के अंत तक लड़कों का भार लड़कियों के भार से ज्यादा होता है । 

( 2 ). सिर और मस्तिष्क में वृद्धि ( Increase in head and brain )

किशोरावस्था में सिर एवं मस्तिष्क का विकास एकदम धीमी गति से चलता रहता है । और 16 वर्ष की अवस्था तक इनके मस्तिष्क का पूरा विकास हो जाता है । 

( 3 ). हड्डियों में वृद्धि ( Bones growth )

किशोरावस्था में हड्डियों का लचीलापन खतम हो जाता है । और हड्डियां पूरी तरह से मजबूत हो जाती है । तथा कुछ छोटी हड्डियाँ भी एक – दूसरे से जुड़ जाती हैं । जिसके कारण किशोरावस्था तक हड्डियों की संख्या कम हो जाती है । 

( 4 ). दाँतो में वृद्धि ( Teeth growth )

किशोरावस्था के अंत तक किशोरों में पूरी दाँत ( 32 ) निकल आते हैं । और उनकी मांसपेशियों का विकास तेज गति से होता है । इस अवस्था के अंत तक लड़के और लड़कियों की ज्ञानेंद्रियों का विकास पूरा हो जाता है । और शरीर के सभी अंग सुडौल एवं सुन्दर दिखाई देते हैं । लड़कों के सीने और कंधे एवं बालिकाओं के वक्षस्थल और कूल्हे चौड़े हो जाते हैं ।

लड़कों के आवाज में भारीपन आ जाता है । और लड़कियों के आवाज में मधुरता आ जाती है । किशोरावस्था में हृदय की धड़कनों में कमी आ जाती है । और इसके धड़कने की गति 1 मिनट में 72 बार हो जाती है ।

तो दोस्तों आशा करता हूँ की इस आर्टिकल में दी गयी सभी जानकारी जैसे की — शारीरिक विकास कैसे होता है? ( How is physical development ) , शैशवावस्था में , बाल्यावस्था में  , किशोरावस्था में आदि प्रश्नों का उत्तर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है । तो हमें कमेंट्स करके जरुर बतायें हमें आपकी मदद करने में बहुत ख़ुशी होगी । , धन्यवाद्…

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